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भारत को भी मिले सकेगा अत्याधुनिक हथियार ! नाटो मित्र जैसा दर्जा देने का प्रस्ताव अमेरिकी संसद में पेश

अमेरिका आ‌र्म्स कंट्रोल एक्ट में संशोधन का यह प्रस्ताव डेमोक्रेट मार्क वार्नर और रिपब्लिकन जॉन कॉर्निन ने रखा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 10:17 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jun 2019 12:05 AM (IST)
भारत को भी मिले सकेगा अत्याधुनिक हथियार ! नाटो मित्र जैसा दर्जा देने का प्रस्ताव अमेरिकी संसद में पेश
भारत को भी मिले सकेगा अत्याधुनिक हथियार ! नाटो मित्र जैसा दर्जा देने का प्रस्ताव अमेरिकी संसद में पेश

वाशिंगटन, प्रेट्र। रूसी हथियारों की खरीद को लेकर भारत और अमेरिका के बीच भले ही चिक-चिक चल रही हो लेकिन दोनों देशों के संबंधों को नए मुकाम पर पहुंचाने की मुहिम में कहीं से फर्क नहीं पड़ रहा। अब सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद सीनेट (संसद) में भारत को नाटो सहयोगियों की बराबरी का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव लाए हैं। अगर यह प्रस्ताव पारित हुआ तो भारत को अत्याधुनिक हथियार और संवेदनशील तकनीक देने का रास्ता साफ हो जाएगा।

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अमेरिका आ‌र्म्स कंट्रोल एक्ट में संशोधन का यह प्रस्ताव डेमोक्रेट मार्क वार्नर और रिपब्लिकन जॉन कॉर्निन ने रखा है। प्रस्ताव में भारत को अमेरिका के बड़े रक्षा सहयोगी से ऊपर का दर्जा देने का प्रावधान है। प्रस्ताव के अनुसार भारत को नाटो सहयोगी वाला दर्जा मिलेगा।

इसके चलते भारत अमेरिका का इजरायल, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया जैसा सहयोगी हो जाएगा। तब भारत अमेरिका से नाटो सहयोगियों जैसे अत्याधुनिक हथियार और संवेदनशील तकनीक प्राप्त कर सकेगा।

बता दें कि अमेरिका ने अपना अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम टीएचएएडी (थाड) अभी तक दक्षिण कोरिया में ही तैनात किया है। रूस के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के बदले अमेरिका ने अपना यह सिस्टम देने का प्रस्ताव भी भारत के समक्ष रखा है। संभव है कि इसी प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए अमेरिकी संसद में भारत से सहयोग का दर्जा बढ़ाने की कवायद हो रही हो।

गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका ने भारत के साथ 2018 में कम्युनिकेशंस, कॉम्पैटिलिटी एंड सिक्युरिटी एग्रीमेंट किया था। इसके चलते दोनों देश संवेदनशील सूचनाएं साझा कर रहे हैं। भारत को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में काफी मदद मिल रही है। दोनों देश बेसिक एक्सचेंज कोऑपरेशन एग्रीमेंट पर भी दस्तखत करने के काफी करीब हैं। इससे सहयोग का दायरा और विस्तृत हो जाएगा।

यह सब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगले सप्ताह ओसाका (जापान) में जी 20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से ऐन पहले हो रहा है। अगले सप्ताह ही अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो भी भारत के दौरे पर आ रहे हैं। वह भी आपसी सहयोग बढ़ाने पर बात करेंगे। अमेरिका-भारत रणनीतिक और सहयोग मंच के अध्यक्ष मुकेश अग्नि के अनुसार ये सभी बहुत महत्वपूर्ण संकेत हैं।

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