VIDEO: खालिस्तान समर्थक नहीं रोक सके गणतंत्र दिवस परेड, US में लगे 'भारत माता की जय' के नारे
सिख फॉर जस्टिस ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर झूठा दावा किया कि उसने अमेरिका में भारतीय दूतावास के सामने भारतीय झंडा जलाया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय खुफिया एजेंसियों को पहले से ही इस बात की सूचना मिलती रही है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी किस तरह से विदेशों में खालिस्तान कार्ड खेलने की कोशिश कर रहा है। इसका नया उदाहरण वाशिंगटन में शनिवार को तब सामने आया जब भारतीय दूतावास के सामने खालिस्तान समर्थन में नारेबाजी करने के लिए कुछ लोग एकत्रित हुए। वैसे भारतीय दूतावास की सतर्कता की वजह से वहां भारत माता की जय लगाने वाले इतने सारे लोग एकत्रित हो गये कि पाकिस्तान की चाल धरी की धरी रह गई।
खालिस्तान का नारा लगाने वाले जो कुछ लोग वहां आये थे उनमें से अधिकांश पाकिस्तानी थे जो अपने आपको सिख के तौर पर पेश कर रहे थे। हालांकि पाकिस्तान और भारत विरोधी ताकतों की इस कोशिश को विदेश मंत्रालय ने फ्लाप शो करार दिया है। इस तरह का फ्लाप शो पाकिस्तान 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) नाम की संस्थान के साथ लंदन में भी कर चुका है।
#WATCH: A few Pro Khalistani supporters fail to shout down Indian Republic Day celebrations in Washington DC, USA. (26.01.2019) pic.twitter.com/kQhku392zw — ANI (@ANI) January 27, 2019
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय को जो फोटो, वीडियो भेजे है उससे साफ है कि वहां खालिस्तान समर्थन की पट्टियां ले कर जहां मुश्किल से 20 लोग थे वही दर्जनों भारतीय तिरंगा ले कर भारत माता की जय का नारा लगाने वालों की संख्या सैकड़ों में थी। इसमें सिख समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा थी जबकि सिख फॉर जस्टिस के तहत एकत्रित लोगों में अधिकांश पाकिस्तानी थे।
इसने एसएफजे के इस दावे की भी कलई खोल दी है कि उसके समर्थक में हजारों की भीड़ भारतीय दूतावास के सामने इकठ्ठी हुई है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इस बात को गलत ठहराया है कि वहां तिरंगे को आग लगाई गई है। एसएफजे एक अलगाववादी संस्थान है जिसे पाकिस्तान ने हाल के दिनों में हवा देनी शुरु कर दी है। इसने लंदन में भारत विरोधी जो रैली निकाली थी उसमें भी पाकिस्तान का हाथ साफ तौर पर साबित हुआ है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की तरफ से जिस तरह से खालिस्तान के मामले में नए सिरे से रूचि दिखाई जा रही है उसको लेकर भारतीय पक्ष पहले से ज्यादा सतर्क है। अस्सी या नब्बे के दशक में पाकिस्तान के समर्थन में अमेरिका, ब्रिटेन व कनाडा जैसे कई देशों में भारत विरोधी रैलियां होती थी जिसमें स्थानीय सिखों को शामिल किया जाता था।
लेकिन अब इस तरह की रैलियों का जब भी आयोजन किया जाता है तो उसके साथ ही भारत समर्थकों की रैली भी दूसरे पक्ष निकाल देते हैं और हमेशा भारत के पक्ष में निकाली गई रैली विरोधियों की रैलियों से काफी बड़ी होती है। यह पाकिस्तान की दोहरी नीति है। एक तरफ वह करतार पुर कारीडोर की अनुमति दे कर सिख समुदाय में अपनी अलग छवि पेश करने की कोशिश कर रहा है तो दूसरी तरफ वह खालिस्तान समर्थकों को भी प्रोत्साहित कर रहा है।