राष्ट्रपति ट्रंप की नजर नोबेल पुरस्कार पर, कहा- सीमा विवाद सुलझा लेंगे भारत और चीन
ट्रंप ने फ्लोरिडा की चुनावी रैली में कहा कि अमेरिका हास्यास्पद और अंतहीन विदेशी युद्धों से दूर रहेगा। हमारी सैन्य टुकडि़यां घर लौट रही हैं। अमेरिकी लोगों के लिए खतरा बन चुके आतंकियों पर हम प्रहार करते रहेंगे और विश्व शांति के लिए देश की सैन्य श्रेष्ठता बनाए रखेंगे।
वाशिंगटन, एजेंसियां। क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नजर नोबेल पुरस्कार पर है? क्या यही वो वजह है कि ट्रंप भारत-चीन विवाद में मध्यस्थता के लिए आतुर हैं? एक पत्रकार के सवाल का सीधा जवाब देने की बजाय ट्रंप जिस तरह भारत-चीन विवाद में मध्यस्थता की पेशकश कर बैठे, उससे तो कुछ ऐसा ही लगता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर भारत-चीन विवाद सुलझाने में वह कोई मदद कर सकते हैं तो उन्हें खुशी होगी। हालांकि, ट्रंप ने यह उम्मीद भी जताई कि भारत और चीन खुद ही कोई रास्ता निकाल लेंगे।
ट्रंप नोबेल पुरस्कार के लिए नामित
ट्रंप व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। इसी दौरान एक पत्रकार ने नोबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप को नामित किए जाने के बारे में एक सवाल पूछा।
ट्रंप ने कहा- नोबेल के लिए नामित होना सम्मान की बात
दरअसल, नार्वे के एक सांसद ने संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के बीच ऐतिहासिक समझौते के संदर्भ में नोबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप को नामित किया है। इस सवाल पर ट्रंप ने कहा, 'नोबेल के लिए नामित होना सम्मान की बात है। अब देखते हैं कि क्या होता है।'
ट्रंप ने कहा- भारत-चीन विवाद सुलझाने में अमेरिका तैयार
इसी संदर्भ में पत्रकार ने फिर पूछा कि क्या आपकी विदेश नीति चीन को रोक पाएगी। इसका सीधा जवाब देने की बजाय ट्रंप भारत-चीन विवाद में मदद की बात करने लगे। उन्होंने कहा, 'मैं जानता हूं कि चीन और भारत को अब कठिनाई हो रही है। हालांकि, उम्मीद है कि वे कोई रास्ता निकाल लेंगे। अगर हम कोई मदद कर सकते हैं तो हम मदद करना करना पसंद करेंगे।'
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर अगले दौर की बातचीत जल्द
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर महीनों से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच चल रही वार्ता के दौरान ट्रंप की यह टिप्पणी आई है। फिलहाल दोनों देश सीमा पर सैनिकों की संख्या नहीं बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। अगले दौर की बातचीत भी जल्द होने वाली है।
भारत-चीन विवाद में मध्यस्थता का प्रस्ताव भारत ठुकरा चुका है
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मई में भी भारत-चीन विवाद में मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था। ट्रंप कश्मीर मामले में भी कई बार मध्यस्थता का प्रस्ताव कर चुके हैं। भारत ऐसे प्रस्तावों को ठुकरा चुका है।
विदेशी युद्धों से दूर रहेगा अमेरिका
ट्रंप ने फ्लोरिडा की चुनावी रैली में कहा कि अमेरिका हास्यास्पद और अंतहीन विदेशी युद्धों से दूर रहेगा। हमारी सैन्य टुकडि़यां घर लौट रही हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोगों के लिए खतरा बन चुके आतंकियों पर हम प्रहार करते रहेंगे और विश्व शांति के लिए देश की सैन्य श्रेष्ठता बनाए रखेंगे।