US Shutdown: दीवार' के चक्रव्यूह में उलझा अमेरिका, ट्रंप की राह में डेमोक्रेटिक रोड़ा
अब यह मामला अमेरिका में सबसे लंबे शटडाउन का रिकॉर्ड तोड़ने के साथ संवैधानिक संकट की ओर बढ़ता प्रतीत होता है।
वांशिगटन [ जागरण स्पेशल ]। मेक्सिको की सीमा पर दीवार निर्माण को लेकर अमेरिका में दिसंबर में शुरू हुआ सियासी महासंग्राम अब एक एक नए मोड़ पर जा पहुंचा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान के बाद कि वह देश में आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं, एक नई समस्या को जन्म दिया है। अब यह मामला अमेरिका में सबसे लंबे शटडाउन का रिकॉर्ड तोड़ने के साथ संवैधानिक संकट की ओर बढ़ता प्रतीत होता है। हालांकि, हाल में हुए अमेरिकी चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की बढ़त और बहुमत के साथ यह कयास लगाए जाने लगे थे कि अब ट्रंप प्रशासन की मुश्किलें बढ़ने वाली है। उनके लिए अब शासन करना आसान नहीं होगा। उनकी कई योजनाओं पर ग्रहण लग सकता है। विशेषज्ञों की यह आशंका सही साबित हो रही है। आइए जानते हैं कि आखिर दीवार के पीछे का सच क्या है। अमेरिका में इसे लेकर क्यों हंगामा मचा है। मेक्सिको की सीमा पर दीवार बनने के क्या होंगे निहितार्थ। किस तरह से अमेरिका एक नए संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रहा है।
8,00,000 संघीय कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
बता दें कि सरकारी कामबंदी का यह तीसरा सप्ताह है। इसके चलते 8,00,000 संघीय कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल सका है। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी व सत्तारूढ़ रिपब्लिकन के बीच तनातनी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। इसका नतीजा यह रहा है कि 22 दिसंबर, 2018 से शुरू हुआ शटडाउन अब भी जारी है। यह अभी तक थमा नहीं है। इस समस्या को सुलझाने के लिए अब तक ट्रंप और डेमोक्रेट के बीच सारी पहल निरर्थक साबित हुई है। शटडाउन के चलते अमेरिका में सरकारी कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ गया है।
ये क्या बोल गए ट्रंप, बढ़ गई रार
उधर, ट्रंप ने अमेरिका, मेक्सिको सीमा पर दीवार निर्माण के लिए फंडिंग को मंजूरी नहीं दिए जाने की स्थिति में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि मैं चाहूं तो यह कर सकता हूं। ट्रंप ने शीर्ष डेमोक्रेट्स के साथ बैठक के बाद शुक्रवार को यह बयान दिया गया। ट्रंप ने साफ कहा कि वह कई वर्षो तक आंशिक सरकारी कामबंदी के लिए तैयार हैं। ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हम राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर सकते हैं और दीवार का जल्द निर्माण कर सकते हैं। मैंने अभी यह नहीं किया है. मैं यह कर सकता हूं। यदि हम इसे बातचीत की प्रक्रिया के जरिए कर सकते हैं तो हम बेहतर तरीके से करेंगे।
ट्रंप ने सीमा पर सीमेंट की दीवार के निर्माण के बजाए स्टील की दीवार बनाने के विकल्प पर भी विचार किया। हालांकि, उन्होंने इस संभावना पर अधिक जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि दीवार निर्माण के लिए 5.6 अरब डॉलर की तत्काल जरूरत है, क्योंकि हम खेल के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, हम राष्ट्रीय सुरक्षा की बात कर रहे हैं। यह आतंकवादियों की समस्या है।
अमेरिका-मेक्सिको सीमा दीवार पर ट्रंप का पक्ष
- ट्रंप प्रशासन ने मेक्सिको सीमा पर दीवार निर्माण के लिए 5.6 अरब डॉलर (करीब 35 हजार करोड़ रुपये) की मांग की है, लेकिन संसद में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने इसमें अड़ंगा लगा दिया है। इसके चलते इसे मंजूरी नहीं मिल सकी।
- ट्रंप का तर्क है कि अमेरिका में शरणार्थियों को अवैध रूप से दाखिल होने से रोकने के लिए मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाना जरूरी है।
- संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में बहुमत में आए विपक्षी डेमोक्रेट सांसद इसके विरोध में हैं। डेमोक्रेट्स कहना है कि यह कर दाताओं के पैसों की बर्बादी है।
- इस मुद्दे पर संसद में सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों में सहमति नहीं बन पाने के कारण अमेरिका में गत 22 दिसंबर से आंशिक शटडाउन जारी है।
साढ़े तीन लाख अवैध प्रवासी से मिलेगी राहत
हर साल करीब साढ़े तीन लाख अवैध प्रवासी अमेरिका में दाखिल होते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या मेक्सिको से आने वालों की है। सीमा पार से लगातार अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी, खतरनाक गिरोहों एवं अंतरराष्ट्रीय अपराधिक संगठनों की गतिविधियां और अवैध इमीग्रेशन बड़े पैमाने पर हो रहा है। यह केवल अमेरिकी समुदाय और बच्चों के लिए नहीं बल्कि अमेरिका की कानून व्यवस्था के लिए खतरा है। अमेरिकी कस्टम्स ऐंड बॉर्डर प्रोटेक्श ( सीबीपी) के डाटा के अनुसार सीमा गश्ती दल ने मार्च में दक्षिण पश्चिम सीमा पर रिकॉर्ड 37,393 लोगों को गिरफ्तार किया था।
अमेरिका और मेक्सिको की संवेदनशील सीमा
दरअसल, अमेरिका और मेक्सिको की संवेदनशील सीमा करीब 3,200 किलोमीटर लंबी है। इसमें से लगभग 1,100 किलोमीटर पर अब तक बाड़ लगाने का काम हो चुका है। ये सीमा चार अमेरिकी राज्यों और छह मेक्सिकन राज्यों से होकर गुजरती है। इसमें रेगिस्तानी इलाकों से लेकर बड़े शहर तक आते हैं। न्यू मेक्सिको में एक छोटी दूरी को घेरना ही मुश्किल है। वहीं कुछ दूसरी जगहों पर सीमा सुरक्षा बल के लोग निगरानी रखते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप ने किया था वादा
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी के समय ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर मैं एक शानदार दीवार बनाउंगा। मुझसे अच्छी दीवार तो कोई बना नहीं सकता। मैं मेक्सिको से इसका खर्च वसूलूंगा। चुनावी रैली के दौरान ट्रंप ने मेक्सिको से आने वालों में ज्यादातर के ड्रग्स और अपराध साथ लाने का आरोप लगाया था। ट्रंप मेक्सिको के साथ लगी अमेरिकी सीमा पर दीवार बनाना चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ तो यह दुनिया की सबसे बड़ी निर्माण योजना होगी। हालांकि, कई सालों से बॉर्डर पर स्टील के कांटेदार तारों को लगाने का प्रोजेक्ट ही पूरा नहीं हुआ है।
मेक्सिकन लोगों के सपनों पर फिरा पानी
अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले ऐसे मेक्सिकन लोगों का परिवार पीछे रह जाता है। वे न तो अपने परिवार को अमेरिका ला सकते हैं और न ही अपना जीवन बेहतर करने के लिए कोई अच्छी नौकरी कर पाते हैं। दो देशों के बीच बनी बाड़ से अलग हुए परिवार कभी एक दूसरे को गले नहीं लगा पाते। कई बार ऐसे खास आयोजन किए जाते हैं, जिनमें ज्यादा से ज्यादा एक दूसरे की अंगुलियां छू पाते हैं। रेगिस्तानी रास्ते पार करते हुए सीमा पर पहुंचे कई मेक्सिकोवासियों का अमेरिका जाने का सपना करीब जाकर टूटता है और वे जेल जा पहुंचते हैं। कई लोग मानव तस्करों को सीमा पार करवाने के लिए बहुत सारे पैसे देते हैं। कई बार इन्हें सीमा पार करते हुए गोली मार दी जाती है।
दरक सकते हैं मेक्सिको के साथ रिश्ते
मेक्सिको और अमरीका के बीच मधुर संबंध है। पिछले तीन दशकों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा है। लेकिन इस दीवार के चलते दोनों सरकारों के बीच रिश्तों में एक दरार पैदा हुई है। संबंधों में इस खिंचाव का प्रभाव मेक्सिको की जनता में भी देखने को मिल रहा है। के अधिकतर लोगों को ये लगता है कि अमरीका उनके लिए ख़तरा है और कई अमरीकी लोग भी ऐसा ही मानते हैं. इस भावना को बदलना मुश्किल है.
वैज्ञानिकों ने भी दीवार का किया विरोध
वैज्ञानिकों का मत है कि इस दीवार से इंसानों के साथ-साथ यहां के जीव-जंतुओं पर भी विपरीत असर पड़ेगा। इनका मानना है कि इससे कई दुर्लभ प्रजातियां खत्म हो जाएंगी। इसका प्रभाव दोनों देशों की जैव विविधता पर पड़ेगा। इसलिए अब वैज्ञानिकों ने अब इसके खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। उनका मानना है कि अगर ऐसा हुआ तो दोनों देशों की करीब एक हजार प्रजातियां सीधे तौर पर प्रभावित होंगी। बड़े सींगों वाली भेड़, ग्रे रंग वाला भेड़िया और सोनोरन हिरण जैसी दुर्लभ प्रजातियों की संख्या में कमी आएगी। हो सकता है कि अमेरिका में जगुआर और तेंदुए पूरी तरह विलुप्त हो जाएं।