एच-1बी वीजा में बड़े बदलाव की तैयारी, भारतीय कंपनियां होंगी ज्यादा प्रभावित
अगले साल जनवरी तक इस वीजा के तहत आने वाले रोजगार और विशेष व्यवसायों की परिभाषा को संशोधित करने की योजना है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। ट्रंप प्रशासन भारतीय पेशेवरों में लोकप्रिय एच-1बी वीजा में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसके जरिये अगले साल जनवरी तक इस वीजा के तहत आने वाले रोजगार और विशेष व्यवसायों की परिभाषा को संशोधित करने की योजना है। इस कदम से अमेरिका में स्थित करीब 100 भारतीय आइटी कंपनियों पर सबसे ज्यादा प्रतिकूल असर पड़ेगा। भारतीय मूल के लोगों के स्वामित्व वाली छोटी और मध्यम आकार की कंपनियां भी प्रभावित होंगी।
अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) अगले साल जनवरी तक इस संबंध में नया प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है। इसका मकसद विशेष व्यवसाय की परिभाषा में बदलाव करने का है। इस बदलाव से एच-1बी वीजा के तहत श्रेष्ठ और प्रतिभाशाली विदेशी नागरिकों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
डीएचएस ने कहा, 'अमेरिकी कर्मचारियों के लिए उचित वेतन और भत्ते को सुनिश्चित करने के लिए रोजगार और कर्मचारी-नियोक्ता संबंधों को भी फिर से परिभाषित किया जाएगा।' यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन' नीति के तहत उठाया जा रहा है। उन्होंने हाल ही कहा था कि योग्य और मदद करने वाले लोग ही अमेरिका में आएं।
क्या है एच-1बी वीजा
भारतीय पेशेवरों के बीच खासा लोकप्रिय एच-1बी वीजा के जरिये अमेरिकी कंपनियों को उन क्षेत्रों में अत्यंत कुशल विदेशी पेशेवरों को नौकरी पर रखने की अनुमति मिलती है जिनमें अमेरिकी पेशेवरों की कमी है। इसी वीजा पर दूसरे देशों के पेशेवर अमेरिका पहुंचते हैं। यह वीजा तीन साल के लिए जारी होता है और छह साल तक इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इस पर लगाम कसी जा रही है।
आम श्रेणी में 65 हजार वीजा
अमेरिकी संसद से यूएससीआइएस को आम श्रेणी में 65 हजार एच-1बी वीजा जारी करने की मंजूरी मिली है। इसके अतिरिक्त 20 हजार एच-1बी वीजा उन लोगों को दिए जाते हैं जिन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अमेरिका के उच्च शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है।
एच-4 वीजा के नियम में भी बदलाव की योजना
ट्रंप प्रशासन एच-4 वीजा के नियमों में भी बदलाव की तैयारी कर रहा है। यह वीजा एच-1बी धारकों के जीवन साथियों को जारी किया जाता है। यह एक तरह का वर्क परमिट है। इससे उनको नौकरी करने की इजाजत मिलती है। ट्रंप प्रशासन इस वीजा से जुड़े एक ऐसे नियम को खत्म करने की योजना बना रहा है जिससे एच-1बी धारकों के जीवनसाथी को अमेरिका में रोजगार पाने की योग्यता मिल जाती है। यह नियम ओबामा प्रशासन के दौर का है। इस बदलाव से 70 हजार एच-4 वीजा धारकों पर असर पड़ेगा। इससे सबसे ज्यादा भारतीय प्रभावित होंगे।
60 हजार भारतीयों को मिला ग्रीन कार्ड
अमेरिका में पिछले साल 60,396 भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिला। इस कार्ड के मिलने से अमेरिका में स्थायी रूप से बसने और काम करने की अनुमति मिलती है। अमेरिका में छह लाख से ज्यादा भारतीय कई साल से ग्रीन कार्ड पाने का इंतजार कर रहे हैं।
वीजा मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन के संपर्क में है भारत
नई दिल्ली। एच-1 वीजा में अमेरिकी प्रशासन के बदलाव की तैयारी के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह ट्रंप प्रशासन के साथ ही अमेरिकी कांग्रेस से लगातार संपर्क बनाए हुए है। वाशिंगटन का बयान आने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि रोजगार और विशेष व्यवसायों की परिभाषा को संशोधित करने से अमेरिका में भारतीय आइटी कंपनियों पर प्रभाव पड़ेगा।