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पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या के लिए माइक पोम्पेओ ने पाकिस्तान से की न्याय की मांग

माइक पोम्पिओ ने पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या मामले में पाकिस्तान अदालत के फैसले को पलट देने के बाद पाकिस्तान पर अब दबाव बनाया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 01:21 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 01:21 PM (IST)
पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या के लिए माइक पोम्पेओ ने पाकिस्तान से की न्याय की मांग
पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या के लिए माइक पोम्पेओ ने पाकिस्तान से की न्याय की मांग

वॉशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शनिवार को सिंध प्रांत की एक अदालत द्वारा पत्रकार डैनियल पर्ल मर्डर मामले में प्रमुख आरोपी और अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा को पलट देने के कुछ दिनों बाद, अमेरिकी पत्रकार की हत्या के लिए न्याय की मांग करते हुए पाकिस्तान पर दबाव बनाया।पोम्पिओ की प्रतिक्रिया सिंध उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को 46 वर्षीय ब्रिटिश मूल के शेख को अपहरण के आरोप में दोषी पाए जाने के बाद आई है। न्यायालय ने उसे सात साल की जेल में उनकी मौत की सजा सुनाई गई। शेख 2002 में कराची में पत्रकार पर्ल की हत्या में दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले 18 साल से जेल में बंद है।

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न्यायमूर्ति मोहम्मद करीम खान आगा की अध्यक्षता वाली दो-न्यायाधीशों की पीठ ने तीन अन्य को भी बरी कर दिया - फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल- मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। अमेरिका ने पाकिस्तानी अदालत के फैसले को पीड़ितों के लिए अपमान करार दिया है। पोम्पियो ने एक ट्वीट में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका डैनियल पर्ल को नहीं भूलेगा। आगे कहा कि हम एक साहसी पत्रकार के रूप में उनकी विरासत का सम्मान करते हैं और उनकी क्रूर हत्या के लिए न्याय की मांग करते हैं। 

एक अन्य ट्वीट में, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने भी पाकिस्तानी अदालत के फैसले की निंदा की। ट्वीट में लिखा कि डब्ल्यूएसजे (वाल स्ट्रीट जर्नल) के रिपोर्टर डैनियल पर्ल की भीषण हत्या के दोषियों की सजा को रद्द करने और अपील करने वाले अभियोजक के फैसले का स्वागत करने के पाकिस्तानी अदालत के फैसले की हम निंदा करते हैं। परिषद ने अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ आतंकवाद के सभी मामलों में न्याय करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष सीनेटर जिम रिस्क ने कहा कि 2002 में पर्ल के अपहरण और नृशंस हत्या ने पश्चिमी देशों को लक्षित करने वाले आतंकवादी समूहों का एक नया युग शुरू किया।


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