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महिला को सुअर की किडनी लगाने में मिली सफलता, जीन में डाक्टरों ने किया था बदलाव

सुअर की किडनी में ग्लाइकेन नाम का एक शुगर मालीक्यूल होता है जिससे इस बात का रिस्क होता है कि मानव का इम्यून सिस्टम इसे नकार दे और इसलिए डाक्टरों ने सुअर के जीन को बदल दिया था।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 03:21 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 03:21 AM (IST)
महिला को सुअर की किडनी लगाने में मिली सफलता, जीन में डाक्टरों ने किया था बदलाव
महिला को सुअर की किडनी लगाने में मिली सफलता, जीन में डाक्टरों ने किया था बदलाव

न्यूयार्क, आइएएनएस। Kidney Transplantation: किडनी या किसी और अंग के प्रत्यारोपण में सबसे अधिक खतरा इस बात को लेकर होता है कि यह जिसे दिया जा रहा है उसके शरीर का इम्यून सिस्टम किस तरह का रिएक्शन करता है पाजिटिव या नेगेटिव। न्यूयार्क में एनवाईयू लैंगोन हेल्थ के डाक्टरों ने इस मामले में पूरी तरह सतर्कता बरतते हुए पहले सुअर के जीन में बदलाव किया और फिर उसका किडनी एक महिला के शरीर में लगाया जिसका नतीजा सफल हुआ।

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न्यूयार्क के अस्पताल में किडनी का ट्रांसप्लांटेशन सफल

दरअसल न्यूयार्क के अस्पताल के डाक्टरों की टीम ने महिला के शरीर में सुअर की किडनी प्रत्यारोपित करने में सफलता पाई है। जानवरों से मनुष्यों में अंग प्रत्यारोपण की दिशा में इसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, डाक्टरों ने एक ब्रेन डेड महिला में सुअर की किडनी लगाई। महिला को वेंटिलेटर पर रखा गया है। परिवार के लोगों की अनुमति के बाद किडनी प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।

सुअर की किडनी में शुगर मालीक्यूल से है खतरा

सुअर की किडनी में ग्लाइकेन नाम का एक शुगर मालीक्यूल होता है। इससे यह खतरा रहता है कि प्रत्यारोपण के तुरंत बाद मनुष्य का इम्यून सिस्टम किडनी को खारिज कर दे। इससे बचने के लिए डाक्टरों ने सुअर के जीन में बदलाव कर दिया था। इसके बाद सुअर की किडनी को महिला के शरीर से जोड़ा गया। महिला के इम्यून सिस्टम ने उसे स्वीकार लिया और किडनी ने सामान्य तरीके से काम करना शुरू कर दिया। ट्रांसप्लांट सर्जन राबर्ट मोंटगोमरी ने कहा कि यह ऐसे मरीजों के लिए राहत की बात हो सकती है, जो किडनी प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे हैं। कोई अंगदाता मिलने तक इस तरह के प्रत्यारोपण से मरीज को अस्थायी राहत दी जा सकती है।


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