अमेरिका में बड़े वीजा रैकेट का भंडाफोड़, भारतीय मूल के आठ लोग गिरफ्तार
अमेरिका में बड़े वीजा रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। अमेरिकी अधिकारियों ने देश में अवैध रूप से रहने वाले सैकड़ों प्रवासियों की मदद करने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है
वॉशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका में बड़े वीजा रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। मामला सामने आने के बाद भारत समेत कई अन्य देशों के लोगों को निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने देश में अवैध रूप से रहने वाले सैकड़ों प्रवासियों की मदद करने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जो 'पे टू स्टे' वीजा के माध्यम से लोगों को बेवकूफ बना रहे थे।
गिरफ्तार आठ लोगों में भारतीय भी शामिल
देर रात हुई इस छापेमारी में अमेरिका के आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) ने कार्रवाई करते हुए आठ विदेशियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी लोग या तो भारतीय नागरिक हैं या भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। इन सभी की उम्र 30 वर्ष के आसपास बताई जा रही है। गिरफ्तार किए गए लोगों कि उनकी पहचान भारत काकीरेड्डी, सुरेश कंडाला, पाणीदीप कर्नाटी, प्रेम रामपीसा, संतोष सामा, अविनाश थक्कलापल्ली, अश्वंत नुणे और नवीन प्रतिपति के रूप में हुई है। हालांकि आइसीइ ने इनकी नागरिकता का खुलासा नहीं किया है।
600 विदेशी नागरिकों को अवैध रूप से रहने में मदद की
स्थानीय अदालत में बुधवार को लगाए गए अभियोग के अनुसार, इन आठ व्यक्तियों ने अवैध रूप से अमेरिका में कम से कम 600 विदेशी नागरिकों को रहने में मदद की। ICE अधिकारी के एक अधिकारी ने बताया, ' इस जांच के अंतर्गत कई विदेशी नागरिकों को प्रशासनिक आव्रजन उल्लंघनों का सामना करना पड़ा है। ICE मामले की जांच को पूरा होने तक सभी को अपनी हिरासत में रखने की मांग करेगा।'
सैकड़ों विदेशी नागरिकों को छात्र के रूप में दिखाया
अपने बयान में आइसीइ ने बताया कि इनमें से छह आरोपियों को डेट्रॉइट इलाके से गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य दो को वर्जीनिया और फ्लोरिडा से अरेस्ट किया गया। विशेष एजेंट चार्ज फ्रांसिस ने बताया कि इन संदिग्धों ने सैकड़ों विदेशी नागरिकों को छात्र के रूप में दिखाकर उन्हें गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में रहने में मदद की, जबकि ज्यादातर लोग छात्र नहीं थे।
अमेरिका आव्रजन कानूनों का घोर उल्लंघन
विशेष एजेंट ने बताया, 'होमलैंड सुरक्षा के विशेष जांच एजेंटों ने देशव्यापी एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। जिसने अमेरिका आव्रजन कानूनों का घोर उल्लंघन किया है।' बता दें कि साल 2016 में भी आइसीइ ने नॉर्दन न्यू जर्सी के एक फर्जी विश्वविद्यालय के लिए ऐसे ही आरोपों पर करीब 21 लोगों को गिरफ्तार किया था, जो अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे थे।