मार्च तक सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों में पासपोर्ट सेवा केंद्र
भारत सरकार के अनुसार देश के सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों में मार्च-2019 तक पासपोर्ट सेवा केंद्र खोल दिए जाएंगे। पासपोर्ट सेवा प्रणाली के माध्यम से छह करोड़ से अधिक पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं।
न्यूयॉर्क, प्रेट्र। भारत सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए देश के सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों में मार्च-2019 तक पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने की तैयारी कर ली है। विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में बुधवार को पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम की शुरुआत के मौके पर यह दावा किया। उन्होंने कहा, 'सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि देश के साथ विदेश में भी किसी भारतीय नागरिक को पासपोर्ट हासिल करने में परेशानी न हो।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हमारी योजना भारत के हर मुख्य डाकघर में एक पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने की है। इससे लोगों को पासपोर्ट सेवाओं के लिए 50-60 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ेगा।' उन्होंने कहा कि पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम से भारत में पासपोर्ट सेवाओं में बड़ा परिवर्तन आया है। नई प्रणाली से पासपोर्ट के लिए आवेदन करना आसान हो जाएगा। सुरक्षा बढ़ेगी और लोग अपने आवेदन की प्रगति भी जान सकेंगे।
विदेश राज्यमंत्री के अनुसार 2017 में पासपोर्ट से जुड़ी सेवाओं में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मासिक आधार पर आवेदन का आंकड़ा पहली बार 10 लाख पार किया। पासपोर्ट सेवा प्रणाली के माध्यम से छह करोड़ से अधिक पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं। विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवाओं की वितरण प्रणाली में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। पासपोर्ट नियमों का सरलीकरण कर दिया गया है। अभी देश में 236 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) कार्यरत हैं। अगर 36 पासपोर्ट ऑफिस व 93 पहले के पासपोर्ट सेवा केंद्रों को जोड़ दिया जाए तो इनकी संख्या 365 हो जाती है।
सभी दूतावासों के पासपोर्ट सेवा केंद्रों का होगा एकीकरण
विदेश मंत्रालय ने विश्व के सभी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों में संचालित पासपोर्ट सेवा केंद्रों के एकीकरण की शुरुआत कर दी है। लंदन के भारतीय दूतावास और बर्मिघम तथा एडिनबर्ग स्थित वाणिज्य दूतावासों में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है। अगले 15 दिनों में अमेरिका के सभी भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावासों में पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम की शुरुआत कर दी जाए। तीन-चार महीनों में पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम की शुरुआत विश्व के सभी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों में हो जाएगी। इसके बाद पासपोर्ट सेवा विश्वव्यापी और केंद्रीयकृत हो जाएगी।