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पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका में पश्तूनों का विरोध प्रदर्शन, अफगानिस्तान में तालिबान को मदद करने का आरोप

पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका के न्यूयॉर्क और कनेक्टिकट में पश्तून तहफुज मूवमेंट ने कार रैली निकाली जिसमें बड़ी संख्या में पार्टी के सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान पर अफगानिस्तान में तालिबान की मदद का आरोप लगाया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 11:52 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 11:52 AM (IST)
पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका में पश्तूनों का विरोध प्रदर्शन, अफगानिस्तान में तालिबान को मदद करने का आरोप
पाकिस्तान पर पश्तून नेता अली वजीर की अवैध नजरबंदी का भी आरोप लगाया।

न्यूयॉर्क, एएनआइ। पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) ने अली वजीर की अवैध नजरबंदी और अफगानिस्तान में पाकिस्तान के छद्म युद्ध के खिलाफ न्यूयॉर्क में विरोध प्रदर्शन किया। अली वजीर पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन और सैन्य उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं।

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पीटीएम ने एक बयान में कहा कि न्यूयॉर्क और कनेक्टिकट में पार्टी के सदस्यों ने कार रैली में बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। उन्होंने अली वजीर की तत्काल रिहाई और अफगानिस्तान में पाकिस्तानी छद्म युद्ध की समाप्ति की मांग की। उन्होंने कहा कि पश्तूनों के शांतिपूर्ण जीवन के लिए आवाज उठाने के लिए अली वजीर को अवैध हिरासत में रखा है।

पीटीएम यूएसए के नेता हिम्मत ने कहा, 'अली वजीर की लगातार नजरबंदी अवैध है क्योंकि नजरबंदी का आदेश जनरल बाजवा ने दिया है। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान में अदालतें स्वतंत्र नहीं हैं और हम सेना द्वारा नियंत्रित न्यायाधीशों से न्याय की उम्मीद नहीं कर सकते।'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नेशनल असेंबली एक रबर स्टैंप है और देश की सेना महत्वपूर्ण मुद्दों पर विधायिकाओं को जानकारी देती है। अली वजीर को लेकर संसद में हाल ही में ऑफ-कैमरा ब्रीफिंग में थल सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने कहा था कि अली के माफी मांगने के बाद रिहा किया जा सकता है।

कनेक्टिकट में पीटीएम के उपाध्यक्ष अमीन जान इब्राहिमी ने कहा कि अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हस्तक्षेप बिल्कुल स्पष्ट है। तालिबान नेतृत्व क्वेटा, पेशावर और मिरानशाह में रह रहे हैं और योजना बना रहे हैं। तालिबान पाकिस्तानी समर्थन के बिना एक भी दिन भी नहीं टिक सकता है। अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान पर तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों का समर्थन समाप्त करने के लिए दबाव डालना होगा।


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