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पार्कर यान सूर्य के उतने करीब है, जितना अब तक कोई यान नहीं पहुंचा, NASA ने खोले कई राज

सूर्य के वातावरण को समझने में अहम साबित होंगे यान के डाटा।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 08:57 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 08:57 AM (IST)
पार्कर यान सूर्य के उतने करीब है, जितना अब तक कोई यान नहीं पहुंचा, NASA ने खोले कई राज
पार्कर यान सूर्य के उतने करीब है, जितना अब तक कोई यान नहीं पहुंचा, NASA ने खोले कई राज

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यान 'पार्कर सोलर प्रोब' ने सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाना शुरू कर दिया है। पार्कर सूर्य के उतने करीब पहुंच चुका है, जितना अब तक कोई मानव निर्मित यान नहीं पहुंच सका है। अब इसने वहां से कुछ ऐसे डाटा भेजे हैं, जिनसे सूर्य के कई रहस्य सामने आए हैं। यान ने यह पता लगाने में कामयाबी पाई है कि सूर्य का वातावरण 'कोरोना' उसकी सतह से सैकड़ों गुना ज्यादा गर्म क्यों होता है। साथ ही सौर हवा के चलने का कारण भी इसने खोजा है।

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पार्कर को अगस्त, 2018 में लांच किया गया था। नासा ने इसके जरिये सूर्य के वातावरण के 24 ऐसे पड़ाव पार करने की योजना बनाई है, जहां अब तक कोई यान नहीं पहुंचा है। पार्कर ने अब तक इनमें से तीन पड़ाव पार कर लिए हैं। यान पर इस तरह के अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जो इसके चारों ओर के वातावरण का अध्ययन करेंगे। नासा ने बताया कि इस यान की मदद से सूर्य से बाहर की ओर निकलने वाले विभिन्न पदार्थो एवं कणों की प्रकृति के बारे में जानकारी मिली है। इससे वैज्ञानिकों को सूर्य की भौतिकी को समझने में मदद मिलेगी।

इससे मिले डाटा की मदद से धरती के चारों ओर अंतरिक्ष के वातावरण का ज्यादा सटीक अनुमान लगाना संभव होगा। इससे अंतरिक्षयात्रियों व यानों की सुरक्षा के बेहतर कदम उठाए जा सकेंगे। नासा में एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर फॉर साइंस थॉमस ज़ुर्बुचेन ने कहा कि बहुत दूरी के बजाय करीब से सूर्य को जानना महत्वपूर्ण है।

तारों के बारे में मिलेंगी नई जानकारियां

ज़ुर्बुचेन ने कहा, 'पार्कर के इस डाटा से सूर्य और तारों के बारे में नई और आश्चर्यजनक जानकारियां मिली हैं।' उन्होंने कहा कि सूर्य का अवलोकन करने के बजाय हम महत्वपूर्ण सौर घटनाओं का विश्लेषण कर यह पता लगा सकते हैं कि ये पृथ्वी को कैसे प्रभावित करते हैं। इसके अलावा यह डाटा हमें आकाशगंगाओं में सक्रिय तारों के बारे में भी नई जानकारियां देता है।

कोरोनल छिद्रों से निकलती हैं सौर हवाएं

इस शोध के प्रमुख लेखक और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टुअर्ट बेल ने कहा, 'इन आंकड़ों का विश्लेषण कर हम कोरोना की चुंबकीय संरचना को देख सकते हैं, जो हमें यह बताता है कि सौर हवाएं छोटे कोरोनल छिद्रों से निकल रही हैं।'


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