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कोरोना महामारी पर अमेरिका में राजनीति, जो बिडेन ने कहा- नहीं करेंगे झूठे वादे

जो बिडेन ने डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना महामारी को लेकर घेरा है। यूएस में लगातार महामारी पर राजीनीति हो रही है। बुधवार को उन्होंने कहा कि वह इस चुनाव मे किसी भी प्रकार के ऐ झुटे वादे नहीं करेंगे जिससे यह संकट दूर हो जाए।

By Pooja SinghEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 09:45 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 10:23 AM (IST)
कोरोना महामारी पर अमेरिका में राजनीति, जो बिडेन ने कहा- नहीं करेंगे झूठे वादे
कोरोना महामारी पर अमेरिका की राजनीति, जो बिडेन ने कहा- नहीं करेंगे झुठे वादे।

बुलहेड सिटी, एपी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अब कुछ ही दिन रह गए हैं। ऐसे में राष्ट्रपति पद के दोनों प्रत्याशी लगातार आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। एक बार फिर से जो बिडेन ने डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना महामारी को लेकर घेरा है। यूएस में लगातार महामारी पर राजीनीति हो रही है। बुधवार को उन्होंने कहा कि वह इस चुनाव मे किसी भी प्रकार के झुठे वादे नहीं करेंगे, जिससे यह संकट दूर हो जाए। इसके साथ ही उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को इस महामारी से निपटने में असफल बताया। बता दें कि इससे पहले भी जो बिडेन कोरोना को लेकर ट्रंप पर निशाना साध चुके हैं। एक बार फिर से उन्होंने अमेरिकी चुनाव को कोरोना महामारी का केंद्र बना दिया है। 

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इसके साथ ही जो बिडेन ने कहा कि अगर में इस चुनाव में जीत जाता हूं तो मुझे इस महामारी को खत्म करने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी। बिडेन ने विलमिंगटन, डेलावेयर में एक भाषण दौरान कहा,' मैं वादा करता हूं कि पहले ही दिन से इस बीमारी से लड़न के लिए सही चीजे करुंगा'। 

डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यही नहीं रुके उन्होंने हाल ही में अमेरिका सुप्रीम कोर्ट की नई जज एमी कोनी बैरेट पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि वह पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन द्वारा गए गए हस्ताक्षर स्वास्थ्य कानून को ध्वस्त कर सकती हैं। 

कई लोग बदलना चाहते हैं अपना वोट- ट्रंप

वहीं बीते दिन डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा था कि उन्हें गूगल पर देख कर पता चला है कि कई लोग जो शुरूआती मतदान की सुविधा का फायदा उठा कर अपना मत डाल चुके हैं वो यह जानना चाह रहे हैं कि क्या वे अपना वोट बदल सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि ऐसे लोगों को वो बताना चाहेंगे कि अधिकतर राज्यों में मतदाता बिल्कुल ऐसा कर सकते हैं और उन्हें यह करना ही चाहिए। 

चुनाव अभियान की शुरुआत से यह अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है कि अगर ट्रंप चुनाव हार गए तो संभव है कि वो और उनके समर्थक हार को आसानी से स्वीकार ना करें और सत्ता के हस्तांतरण में अवरोध पैदा करें। 


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