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पाक ने आतंकवाद को पैदा किया पड़ोसी देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए

आतंकवाद के शैतानों को पाकिस्तान ने पड़ोसी देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए पैदा किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 09:44 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 07:21 AM (IST)
पाक ने आतंकवाद को पैदा किया पड़ोसी देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए
पाक ने आतंकवाद को पैदा किया पड़ोसी देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। भारत ने पाकिस्तान के उस 'बेतुके आरोप' पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उसने कहा था कि पेशावर में 2014 में एक स्कूल पर हमला करने वाले आतंकियों को भारत का 'समर्थन' प्राप्त था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की राजदूत ईनाम गंभीर ने अपने जवाब में कहा कि पाकिस्तान का यह आरोप आतंकवाद के शैतान से खुद को दूर रखने का प्रयास है, जिसे खुद उसने पैदा किया है। इन शैतानों को उसने पड़ोसी देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए पैदा किया है।

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गंभीर ने कुरैशी के बयान को 'घृणास्पद आक्षेप' करार देते हुए कहा कि यह बयान हमले में मारे गए बच्चों की याद को अपमानित करना है। उन्होंने पाकिस्तान को याद दिलाया कि 2014 में स्कूली बच्चों पर हुए हमले से भारत को बेहद दुख और पीड़ा पहुंची थी। भारतीय संसद ने शोक मनाते हुए एकजुटता पेश की थी। मारे गए बच्चों की याद में भारत के सभी स्कूलों में दो मिनट का मौन रखा गया था।

कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान पेशावर के स्कूल में 150 बच्चों की हत्या को कभी नहीं भूलेगा। इस हमले और कई अन्य हमले का संबंध 'भारत द्वारा समर्थन प्राप्त आतंकवादियों' से जुड़ा है।

गंभीर ने पूछा कि क्या पाकिस्तान इस बात से इन्कार कर सकता है कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 132 आतंकियों और सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित 22 आतंकी संगठनों को पनाह और सुरक्षा दे रहा है। क्या पाकिस्तान इस बात से इन्कार कर सकता है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित हाफिज सईद उसके यहां खुलेआम घूम रहा है और चुनावों में उम्मीदवार उतार रहा है?

आतंकवाद के मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की डांट से बौखलाए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठा दिया। पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने महासभा के 73वें सत्र में आम चर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि 'अनसुलझा विवाद' दोनों देशों के बीच स्थायी शांति हासिल करने पर असर डाल रहा है। यह 'मानवता के अंत:करण पर धब्बा' है। उन्होंने कहा कि हम 'समानता और आपसी सम्मान' के आधार पर नई दिल्ली के साथ संबंध चाहते हैं। हम गंभीर और व्यापक वार्ता के जरिये विवादों का समाधान चाहते हैं, जिसमें चिंता के सभी मुद्दे शामिल हों।

कुरैशी ने कहा कि दक्षिण एशिया में लंबे समय से लंबित मुद्दों का समाधान करने के लिए बातचीत एकमात्र रास्ता है। विदेश मंत्रियों की बैठक रद किए जाने पर कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत करना चाहता था। लेकिन नई दिल्ली ने 'शांति पर राजनीति को' तरजीह देते हुए बैठक रद कर दी। इसके लिए कुछ महीने पहले जारी डाक टिकटों को बहाना बनाया गया।

पाकिस्तान को जवाब कश्मीर मुद्दे पर

कुरैशी द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर गंभीर ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की नई सरकार को यह साफ कर दिया है कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और आगे भी रहेगा।

विदेश मंत्रियों की बैठक रद मामले पर

भारत ने पाकिस्तान के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि विदेश मंत्रियों की प्रस्तावित बैठक को भारत ने 'फिल्मी आधार' पर रद कर दिया था। गंभीर ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवादियों द्वारा हमारे सुरक्षा बलों की निर्मम हत्या फिल्मी लगती है।

मानवाधिकार के मुद्दे पर

मानवाधिकार के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरते हुए गंभीर ने कहा कि दुनिया को उपदेश देने से पहले उसे इसकी शुरुआत अपने घर से करनी चाहिए। वह अब भी अपने पुराने ढर्रे पर कायम है।


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