हवाई हमले के बाद पाकिस्तान को नहीं मिला चीन सहित प्रमुख देशों का साथ
हवाई हमले के बाद पाकिस्तान को अमेरिका समेत प्रमुख देशों की कोई मदद नहीं मिली है। सभी देशों ने पाकिस्तान को आतंकवाद को खत्म करने के लिए कहा है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। हवाई हमले के बाद पाकिस्तान को अमेरिका समेत प्रमुख देशों की कोई मदद नहीं मिली है। सभी देशों ने पाकिस्तान को आतंकवाद को खत्म करने के लिए कहा है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने पाकिस्तान को उसकी सरजमीं पर पल रहे आतंकियों को जल्द से जल्द खत्म करने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा, 'जब तक पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता, उसे अमेरिका से मदद नहीं मिलनी चाहिए।'
वहीं ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत की कार्रवाई का समर्थन किया है। ऑस्ट्रलिया ने कहा है कि पाकिस्तान से आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। फ्रांस ने भी कहा कि भारत के पास सीमा पार आतंक से अपनी सुरक्षा करने का वैध अधिकार है।
हेली ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाक को मिल रही वित्तीय मदद में कटौती करने की भी प्रशंसा की। गत सिंतबर में ट्रंप प्रशासन ने पाक सेना को दी जा रही 30 करोड़ डॉलर (करीब दो हजार करोड़ रुपये) की मदद रद कर दी थी।
साउथ कैरोलिना की पूर्व गर्वनर हेली ने कहा, '2017 में अमेरिका ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर (करीब सात हजार करोड़ रुपये) दिए थे। इतनी मदद मिलने के बाद भी वह अमेरिका के खिलाफ काम करता है। यूएन में पाक ने अमेरिका द्वारा लाए गए प्रस्तावों के खिलाफ कई बार वोटिंग की।'
संयुक्त राष्ट्र, चीन और ब्रिटेन की भारत-पाक से संयम बरतने की अपील
संयुक्त राष्ट्र, चीन और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है। जबकि, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भारत की इस कार्रवाई का परोक्ष तौर पर समर्थन किया है। भारत द्वारा आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद के कैंप को हवाई हमले में ध्वस्त कर दिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजार्रिक ने कहा कि महासचिव एंटोनियो गुतेरस जैश के ठिकाने पर हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच के हालात पर नजदीकी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने दोनों ही पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने की अपील की है। वहीं, जैश सरगना मसूद अजहर के हमदर्द चीन ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़े।
पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर भारत के हवाई हमले के बारे में पूछे जाने पर मंगलवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने मीडिया से कहा, 'हमने प्रासंगिक रिपोर्टो का संज्ञान लिया है।' उन्होंने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि दक्षिण एशिया में भारत और पाकिस्तान बेहद महत्वपूर्ण देश हैं। अच्छे संबंध और सहयोग दोनों देशों के हित में हैं। इससे दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता कायम रहेगी।' उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करेंगे और कार्रवाई से बचेंगे।
भारत के प्रथम गैर मिलेट्री हमले के आग्रह पर चीनी प्रवक्ता लू ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के भारत का दावा, विश्व में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इसका चलन है। इसलिए आवश्यक अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत पड़ती है। भारत को इसके लिए अंतरराष्ट्रीय हालात अपने पक्ष में करने होंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मुहम्मद कुरैशी ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से पुलवामा आतंकी हमले के संबंध में बातचीत की है।
इस बीच, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जरमी हंट ने भारत की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर बातचीत की। यूके के विदेश और राष्ट्रमंडल के दफ्तर (एफसीओ) ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा कि आतंकवाद से क्षेत्रीय स्थिरता को हुए खतरे को लेकर ब्रिटेन चिंतित है। एफसीओ ने कहा कि उसने पाकिस्तान और भारत को स्थिरता के लिए सहयोग में सुधार लाने और कूटनीतिक समाधान खोजने की सलाह दी है।
वहीं, भारत में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास ने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय का बयान जारी करके कहा कि भारत और पाकिस्तान को कार्रवाई करने में संयम बरतना चाहिए। ऐसा कोई काम न करें जिससे क्षेत्र की शांति और सुरक्षा खतरे में पड़ जाए। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय की जारी रिलीज में पाकिस्तान से कहा गया है कि वह जैश-ए मुहम्मद समेत उन सभी आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करे जो भारत में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
फ्रांस ने भी कहा कि भारत के पास सीमा पार आतंक से अपनी सुरक्षा करने का वैध अधिकार है। फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ भारत का पुराना सहयोगी देश है और वह हर तरह के आतंकी वारदातों को रोकने के लिए सहयोग करने को तैयार है। इसके अलावा, ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ की प्रवक्ता माजा कोसिजेनिक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अब अधिकतम संयम बरतना चाहिए। हम दोनों देशों के संपर्क में हैं।