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तनाव बढ़ने पर पाकिस्तान चला सकता है परमाणु हथियार

द अटलांटिक काउंसिल ने 'एशिया इन द सेकेंड न्यूक्लियर एज' नाम की रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को लेकर कोई योजना नहीं बनाई है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 26 Nov 2017 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 26 Nov 2017 08:37 PM (IST)
तनाव बढ़ने पर पाकिस्तान चला सकता है परमाणु हथियार
तनाव बढ़ने पर पाकिस्तान चला सकता है परमाणु हथियार

वाशिंगटन, प्रेट्र : पाकिस्तान का परमाणु हथियार कार्यक्रम न केवल क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि यह परंपरागत युद्ध को परमाणु युद्ध में तब्दील करने की सबसे आसान वजह है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पाकिस्तान ने अभी तक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की कोई नीति नहीं बनाई है। दक्षिण एशिया में परमाणु युद्ध के खतरे पर यह बात एक अमेरिकी थिंक टैंक ने कही है।

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द अटलांटिक काउंसिल ने 'एशिया इन द सेकेंड न्यूक्लियर एज' नाम की रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को लेकर कोई योजना नहीं बनाई है। न ही वह उस तरह की किसी योजना पर कार्य कर रहा है। ऐसे में उन हथियारों की सुरक्षा और इस्तेमाल खतरे में है। कोई नीति न होने की वजह से तनाव बढ़ने पर क्षणिक आवेश में इनका इस्तेमाल हो सकता है। इसके कारण परमाणु हथियारों का बड़े पैमाने पर विकास और उनकी संवेदनशीलता का मामला उतना खतरनाक नहीं है जितना कि उनका रखरखाव करने वाले संस्थानों में स्थिरता न होना खतरनाक है। पाकिस्तान में इन हथियारों को ताकत का संतुलन बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

बीते चार दशकों से पाकिस्तान की भारत और अफगानिस्तान के साथ लगातार संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। कट्टरपंथी जिहादी ग्रुप इस संघर्ष की अगुआई कर रहे हैं। ये ग्रुप खुद पाकिस्तान के लिए ठीक नहीं हैं। इसी वजह से अक्सर पाकिस्तान की सरकार और समाज अक्सर इन जिहादियों का निशाना बनते रहते हैं। बावजूद इसके ऐसे संगठनों को पाकिस्तान के सरकारी तंत्र का साथ मिल रहा है। प्रशासन और शासन में कट्टरपंथी तत्व मौजूद हैं। ऐसे माहौल में पाकिस्तान के परमाणु हथियार सुरक्षित नहीं कहे जा सकते।

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