अमेरिका में करोड़ों डॉलर के घोटाले के आरोप में 20 भारतवंशियों को 4 से 20 साल तक की सजा
अमेरिका में 20 भारतवंशियों को घोटाले और मनी लांड्रिंग के आरोप में 4 साल से लेकर 20 साल तक की सजा सुनाई गई है।
न्यूयॉर्क (प्रेट्र)। बीस से ज्यादा भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को करोड़ों डॉलर के घोटाले के आरोप में 4 साल से लेकर 20 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है। इंडिया बेस्ड कॉल सेंटर कंपनी में करोड़ों डॉलर के घोटाले में शामिल रहने के आरोप में उन्हें ये सजा सुनाई गई है। जानकारी के मुताबिक, उनकी इस कंपनी ने हजारों अमेरिकी नागरिकों के साथ हजारों करोड़ डॉलर की धोखाधड़ी की है।
मामले में इस सप्ताह दोषी ठहराए गए 21 लोगों को 4 साल से लेकर 20 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल जेफ सत्र ने कहा, 'भारत आधारित कॉल सेंटर घोटाले उद्योग में पहली बार बड़े पैमाने पर इस तरह का फैसला आया है। उन्होंने बताया कि शामिल सभी दोषियों को जेल की सजा काटने के बाद भारत भेज दिया जाएगा। धोखाधड़ी और घोटालों जैसे मामले में कानून की यह एक बड़ी जीत है।'
वकीलों ने कहा कि इंडियन कॉल सेंटर मे अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए कई तरह के टेलीफोन फ्रॉड स्कीम्स चलाए जा रहे थे। इनमें से अप्रवासियों को मुख्य रुप से टार्गेट किया जाता था।
2012 से 2016 के बीच के मामलों के अनुसार, अहमदाबाद से संचालित होने वाला एक कॉल सेंटर लोगों के साथ धोखाधड़ी और मनी लांडरिंग जैसे घोटाले करता था। यह अक्सर आंतरिक राजस्व सेवा या अमेरिकी नागरिकता सेवा के तहत लोगों को आप्रवासन सेवा के नाम पर धोखा देने का काम करता था।
एजेंटों और अन्य स्रोतों से प्राप्त जानकारी का उपयोग करते हुए, कॉल सेंटर ऑपरेटरों ने अमेरिकी नागरिकों को टार्गेट करने का काम करते थे। जानकारी के मुताबिक, टेलीफोन ऑपरेटर्स उन पीड़ितों को गिरफ्तारी, जेल, जुर्माना या निर्वासन की धमकी देते हुए उनसे आप्रवासन सेवा के नाम पर रुपये वसूलने का काम करते थे। वे उन्हें निर्देश देते थे कि उन्हें किन तरीकों से कही गई राशि का भुगतान करना है। एक बार भुगतान पूरा हो जाने के बाद, कॉल सेंटर अमेरिका में स्थित अपने लोगों के माध्यम से तकनीक की मदद से उन पीड़ितों के बैंक अकाउंट तक पहुंच कर उनके अकाउंट के धन को साफ कर देते थे।
मामले के आरोप में 32 भारतवंशी नागरिकों और पांच फ्रॉड कॉल सेंटर कंपनी की पहचान की है। बता दें कि इससे पहले भी तीन अन्य भारतीयों को इसी प्रकार की धोखाधड़ी और मनी लॉंडरिंग योजना में शामिल होने की सजा सुनाई गई थी।