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पृथ्वी के बाहर भी बसाए जाएंगे लोग, कुछ इस तरह तैयार किया जा रहा है मेगा प्लान

अंतरिक्षयान स्टारशिप प्रोग्राम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रॉकेट के जरिये हर साल मेगाटन कार्गो मंगल ग्रह पर पहुंचाया जाएगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 06:40 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 07:10 PM (IST)
पृथ्वी के बाहर भी बसाए जाएंगे लोग, कुछ इस तरह तैयार किया जा रहा है मेगा प्लान
पृथ्वी के बाहर भी बसाए जाएंगे लोग, कुछ इस तरह तैयार किया जा रहा है मेगा प्लान

सैन फ्रांसिस्को, आइएएनएस। स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने महत्वाकांक्षी मंगल ग्रह मिशन का एलान किया है। उन्होंने वर्ष 2050 तक इस लाल ग्रह पर दस लाख लोगों को भेजने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने इस बात से भी पर्दा उठाया कि वह मंगल ग्रह पर बस्ती बसाने और इंसानों को दूसरे ग्रहों पर रहने लायक बनाने के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को किस तरह हासिल करने जा रहे हैं।

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अमेरिकी निजी अंतरिक्ष कंपनी के सीईओ मस्क ने एक के बाद एक ट्वीट के जरिये अपनी योजना की जानकारी दी। उन्होंने अपने अंतरिक्षयान स्टारशिप प्रोग्राम के बारे में जानकारी देते हुए बताया, 'रॉकेट के जरिये हर साल मेगाटन कार्गो मंगल ग्रह पर पहुंचाया जाएगा। इससे इस ग्रह को 2050 तक इंसानों के रहने योग्य बनाया जाएगा।'

मस्क ने एक ट्वीट में अपने तीन करोड़ से ज्यादा फॉलोवर्स से कहा, 'स्टारशिप की डिजाइन इस तरह तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे रोजाना इसकी तीन उड़ानें हो सके। इस तरह एक साल में इसकी एक हजार से ज्यादा उड़ानें होंगी। हर उड़ान में सौ टन सामान भेजा जाएगा।' 48 वर्षीय मस्क ने बताया, 'स्पेसएक्स का लक्ष्य 2050 तक दस लाख लोगों को मंगल पर भेजने का है।'

लैंडिंग साइट पर मांगी जानकारी

गत वर्ष सितंबर में स्पेसएक्स ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा से लाल ग्रह पर ऐसे संभावित लैंडिंग साइट के बारे में जानकारी मांगी थी, जहां अंतरिक्षयान को उतारा जा सकता है।

अंतरिक्षयान पर चल रहा काम

स्पेसएक्स में ऐसे स्टारशिप का निर्माण किया जा रहा है, जिनका दोबारा इस्तेमाल हो सके। इस तरह के अंतरिक्षयान से इंसानों और सामान को मंगल ग्रह पर पहुंचाया जा सकता है। फिलहाल 'एसएन1' नामक स्टारशिप प्रोटोटाइप का निर्माण स्पेसएक्स के टेक्सास संयंत्र में चल रहा है।

भारी-भरकम खर्च का अनुमान

मस्क ने लाल ग्रह पर रहने योग्य माहौल बनाने की लागत का अनुमान लगाया है। उनका आकलन है कि मंगल मिशन पर 700 लाख करोड़ रुपये तक का खर्च आ सकता है।


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