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NSA US Visits: अमेरिकी नेतृत्व से वार्ता करेंगे NSA अजीत डोभाल, iCET पर पहली उच्च-स्तरीय बैठक में होंगे शामिल

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बातचीत अमेरिका और भारत के संबंधों में परमाणु समझौते के बाद एक मील का पत्थर साबित होगी। डोभाल महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए पहल (आईसीईटी) पर पहली उच्चस्तरीय बैठक में हिस्सा लेंगे। Photo- ANI

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Mon, 30 Jan 2023 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jan 2023 07:41 PM (IST)
NSA US Visits: अमेरिकी नेतृत्व से वार्ता करेंगे NSA अजीत डोभाल, iCET पर पहली उच्च-स्तरीय बैठक में होंगे शामिल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल अमेरिका के शीर्ष नेतृत्व से महत्वपूर्ण वार्ता करेंगे।

वाशिंगटन, पीटीआई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल अमेरिका के शीर्ष नेतृत्व से महत्वपूर्ण वार्ता करेंगे। वह अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन से चर्चा करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बातचीत अमेरिका और भारत के संबंधों में परमाणु समझौते के बाद एक मील का पत्थर साबित होगी। डोभाल महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए पहल (आईसीईटी) पर पहली उच्चस्तरीय बैठक में हिस्सा लेंगे।

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आईसीईटी को लेकर अहम बैठक

इस दौरान वह एनएसए सुलिवन समेत कई शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। पिछले साल टोक्यो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच हुई बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में आईसीईटी का जिक्र सामने आया था। आईसीईटी में सहयोग के लिए छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई है।

कई क्षेत्रों पर रहेगा फोकस

बता दें कि इनमें वैज्ञानिक शोध और विकास, क्वांटम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रक्षा खोज, अंतरिक्ष और अत्याधुनिक दूरसंचार शामिल हैं। टेलीकाम क्षेत्र में 6जी और सेमीकंडक्टर को भी शामिल किया गया है। व्हाइट हाउस में 31 जनवरी को दोनों पक्षों की बैठक के समापन के बाद इसमें लिए गए निर्णयों की घोषणा होने की उम्मीद है।

दोनों देशों के लिए कई उम्मीद

भारत और अमेरिका को उम्मीद है कि यह बैठक दोनों देशों के कॉरपोरेट क्षेत्रों के बीच एक विश्वसनीय भागीदार पारिस्थितिकी तंत्र के विकास की नींव रखेगी, ताकि स्टार्टअप की संस्कृति से फल-फूल रही सार्वजनिक-निजी साझेदारी पर जोर देने वाले दोनों देश वैज्ञानिक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तानाशाही हुकूमतों के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकें।

अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां प्रदान करने पर जोर

बता दें कि इसका मकसद बाकी दुनिया को ऐसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां प्रदान करना है, जो तुलनात्मक रूप से काफी सस्ती हों। भारत और अमेरिका ने आईसीईटी के तहत सहयोग के लिए जिन छह क्षेत्रों की पहचान की है, उनमें वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास, क्वांटम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता), रक्षा नवाचार, अंतरिक्ष तथा 6जी और सेमीकंडक्टर जैसी उन्नत संचार पद्धतियां शामिल हैं।

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