Move to Jagran APP

खुफिया और सुरक्षा सहयोग निलंबन मामले पर पाक से कोई आधिकारिक वार्ता नहीं: अमेरिका

विदेश विभाग के प्रवक्‍ता ने बताया सैन्‍य व खुफिया सहयोगों के निरस्‍त संबंधित मुद्दों पर पाकिस्‍तान से कोई आधिकारिक बातचीत नहीं हुई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 13 Jan 2018 11:43 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jan 2018 12:35 PM (IST)
खुफिया और सुरक्षा सहयोग निलंबन मामले पर पाक से कोई आधिकारिक वार्ता नहीं: अमेरिका
खुफिया और सुरक्षा सहयोग निलंबन मामले पर पाक से कोई आधिकारिक वार्ता नहीं: अमेरिका

वाशिंगटन (प्रेट्र)। अमेरिका ने शनिवार को कहा कि सैन्‍य व खुफिया सहयोगों के निरस्‍त किए जाने के मुद्दों  पर पाकिस्‍तान से कोई आधिकारिक बातचीत नहीं हुई है। विदेश विभाग के प्रवक्‍ता ने बताया, ‘इस मामले पर पाकिस्‍तान की सरकार से हमारी किसी तरह की औपचारिक वार्ता नहीं हुई है।'

loksabha election banner

बढ़ रहा तनाव

अमेरिका द्वारा वित्तीय सहायता रोके जाने की घोषणा होने के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में तनातनी बढ़ती ही जा रही है। अमेरिका द्वारा 1624 करोड़ रुपये की सैन्य मदद रोके जाने से बौखलाए पाकिस्तान ने अब अमेरिका के साथ सभी तरह के खुफिया और सुरक्षा सहयोग को स्थगित कर दिया है। एक दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया था। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने कहा कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद पर रोक के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ अपने खुफिया और मिलिट्री सहयोग को स्थगित कर दिया है।'

अमेरिका की ये है शर्त

अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान को तभी वित्तीय सैन्य मदद दी जा सकती है जब वह आतंकवाद के खात्मे के लिए पुरजोर प्रयास नहीं करेगा। जिसके बाद पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था, 'अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान बातचीत के लिए आगे आए और हमारे प्रयासों में सहयोग करे। पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता को केवल स्थगित किया गया है ना कि रोका गया है। कोई भी फंड कहीं आवंटित नहीं किया गया है हम पाकिस्तान से भविष्य में सहयोग की आशा रखते हैं।'

 पाकिस्‍तान के साथ खुफिया सहयोग या पाक को सहयोग देना बंद करने वाले ट्रंप के निर्णय पर टिप्‍पणी करने से सीआइए के प्रवक्‍ता ने इंकार कर दिया। विदेश विभाग ने कहा कि उन्‍होंने पाकिस्‍तान से अनेकों बार वहां रह रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई के लिए कहा है। अमेरिका व संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा आतंकी करार दिए गए हाफिज सईद व अन्‍य आतंकी गुटों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि इन मुद्दो पर हमारी कोई चर्चा नहीं हुई है।

11 सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था। साल 2002 में पाकिस्तानी सरकार ने भी लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम जमात-उद-दावा रख लिया, हालांकि वह इस बात से इनकार करता रहा कि जमात-उद-दावा का लश्कर से कोई संबंध है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई आतंकी हमलों के बाद दिसंबर 2008 में जमात-उत-दावा को आतंकी संगठन घोषित किया था। मुंबई हमलों के बाद हाफिज सईद पर अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते हुए पाकिस्तान ने छह महीने से कम समय तक नजरबंद रखा था। लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसे 2009 में रिहा कर दिया गया था। 

यह भी पढ़ें: ट्रंप की फटकार से तिलमिलाया पाक, सेना प्रमुख बोले- छला महसूस कर रहे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.