PNB घोटाला: सकते में भारत, अमेरिकी कोर्ट के फैसले से नीरव मोदी को मिली बड़ी राहत
अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले से फिलहाल नीरव को राहत मिली है। कोर्ट ने आगामी 30 मार्च को कर्जदाताओं की मीटिंग बुलाई है।
वॉशिंगटन, प्रेट्र : बैंकिंग व्यवस्था को झकझोर देनेवाले पीएनबी घोटाले में सरकार की जांच को झटका लगा है। अमेरिका की एक कोर्ट ने नीरव मोदी के स्वामित्व वाली कंपनी फायरस्टार डायमंड से लेनदारों के ऋण वसूली पर अंतरिम रोक लगा दी है। दरअसल, नीरव मोदी की इस कंपनी ने दिवालिया घोषित होने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि दिवालिया होने की प्रक्रिया के आवेदन के साथ ही संग्रह से जुड़ी अधिकतर गतिविधियों पर स्वत: रोक लग गई है। इसका अर्थ है कि आमतौर पर अब कर्जदाता मोदी की कंपनी या उसकी संपत्ति के कर्ज वसूली के लिए कोई कदम नहीं उठा सकते हैं।
अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले से फिलहाल नीरव को राहत मिली है। कोर्ट ने आगामी 30 मार्च को कर्जदाताओं की मीटिंग बुलाई है। गौरतलब है कि नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से 12,717 करोड़ रुपए (करीब दो अरब डॉलर) की धोखाधड़ी का आरोप है। मोदी के शेयरों की हिस्सेदारी फायरस्टार डायमंड और इसकी अनुषांगिक कंपनियों में है।
न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट में अदालत ने दो पेजों के आदेश में कहा है कि दिवालिया होने की प्रक्रिया के आवेदन के साथ ही संग्रह से जुड़ी अधिकतर गतिविधियों पर स्वत: रोक लग गई है। फायरस्टार डायमंड ने अमेरिका में दिवालिया कानून के तहत संरक्षण का दावा किया है। फायरस्टार डायमंड इंक ने अदालत में ‘चैप्टर 11’ याचिका दायर की।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार उसका परिचालन अमेरिका, यूरोप, पश्चिम एशिया व भारत सहित कई देशों में फैला है। उसने अपनी मौजूदा स्थिति के लिए नकदी व आपूर्ति श्रंखला में दिक्कतों को जिम्मेदार बताया है। कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी ने 10 करोड़ डॉलर के कर्ज का जिक्र किया है। नीरव मोदी, उसके मामा मेहुल चौकसी और उनसे जुड़ी फर्मों पर पीएनबी से 12,717 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप हैं।