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पहला रोबोट बनाने वाले वैज्ञानिक का निधन, रोबोटिक्स और एआइ विकसित करने में था अहम योगदान

वैज्ञानिक निल्स निल्सन का रविवार को निधन हो गया।उन्होंने दुनिया का पहला रोबोट और मशीन को दिमाग देने की तकनीक यानी एआइ विकसित करने में उनका अहम योगदान था।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 07:42 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 07:42 PM (IST)
पहला रोबोट बनाने वाले वैज्ञानिक का निधन, रोबोटिक्स और एआइ विकसित करने में था अहम योगदान
पहला रोबोट बनाने वाले वैज्ञानिक का निधन, रोबोटिक्स और एआइ विकसित करने में था अहम योगदान

द न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। अमेरिका के मशहूर कंप्यूटर वैज्ञानिक निल्स जॉन निल्सन का रविवार को ओरेगन स्थित उनके आवास में निधन हो गया। वह 86 साल के थे। दुनिया का पहला रोबोट और मशीन को दिमाग देने की तकनीक यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) विकसित करने में उनका अहम योगदान था। इसके अलाव उन्होंने रोबोटिक्स और न्यूरल नेटवर्क के क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण शोध किए थे।

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निल्सन का जन्म 1933 में मिशिगन में हुआ था। 1958 में उन्होंने स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपना पीएचडी पूरा किया था। इसके बाद उन्होंने तीन साल एयर फोर्स में अपनी सेवाएं दी। इसके बाद वह स्टैंडफोर्ड के निजी लैब 'स्टैंडफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट' (एसआरआइ इंटरनेशनल) का 23 सालों तक हिस्सा रहे। वहां कंप्यूटर वैज्ञानिक व इलेक्टि्रकल इंजीनियर की टीम के साथ मिलकर उन्होंने 1966-72 के बीच पहला स्वचलित रोबोट विकसित किया। इस रोबोट का नाम शेकी रखा गया था। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर एआइ के एल्गोरिदम पर भी काम किया। उनके द्वारा विकसित एआइ तकनीकों का आधुनिक स्वरूप वर्तमान के जीपीएस सॉफ्टवेयर और एलेक्सा व सिरी जैसे डिजीटल असिस्टेंट में इस्तेमाल होता है।

1985 में उन्हें स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस विभाग का प्रमुख भी बनाया गया था। वह करीब 5 साल तक इस पद पर बने रहे। कई दशकों लंबे अपने करियर के दौरान उन्होंने कई किताबों का लेखन व सह-लेखन का काम भी किया। 1965 में न्यूरल नेटवर्क पर केंद्रित उनकी पहली किताब 'लर्निग मशीन : फाउंडेशन ऑफ ट्रेनेबल पैटर्न-क्लासिफाइंग सिस्टम' प्रकाशित हुई थी। इसके बाद उन्होंने 'प्रिंसिपल ऑफ ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस', 'द क्वेस्ट फॉर ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस', 'अंडरस्टैंडिंग बिलिफ' समेत कई अन्य किताबें भी लिखीं।


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