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नया शोध: कोरोना वायरस का असर महीनों तक हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों पर पड़ता है

प्रमुख अमेरिकी स्वास्थ्य अनुसंधान एजेंसी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के वैज्ञानिकों द्वारा एक नए शोध किया गया है जिसमें पाया गया कि नया कोरोना वायरस पूरे मानव शरीर में फैलता है जिससे प्रणालीगत संक्रमण होता है। साथ ही व्यक्ति के विभिन्न अंगों पर भी गहरा असर पड़ता है

By Ashisha RajputEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 12:17 AM (IST)Updated: Mon, 27 Dec 2021 12:17 AM (IST)
नया शोध: कोरोना वायरस का असर महीनों तक हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों पर पड़ता है
नया शोध: कोरोना वायरस का असर महीनों तक हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों पर पड़ता है

वाशिंगटन, एएनआइ। कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया डरी हुई है। जानलेवा वायरस से हर कोई बचाव कर रहा है। कोविड-19 से सैकड़ों लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें कईयों ने वायरस से जंग में अपनी जान गवा दी, तो कई वायरस को हराकर ठीक हुए। प्रमुख अमेरिकी स्वास्थ्य अनुसंधान एजेंसी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के वैज्ञानिकों द्वारा एक नए शोध किया गया है, जिसमें पाया गया कि नया कोरोना वायरस पूरे मानव शरीर में फैलता है, जिससे प्रणालीगत संक्रमण (systemic infection) होता है। साथ ही साथ संक्रमित व्यक्ति में वायरस के कारण उसके विभिन्न अंगों पर भी गहरा असर पड़ता है, जिसका प्रभाव 7 महीने से भी अधिक तक रह सकता है।

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क्या कहता है अध्ययन

आपको बता दें कि यह अध्ययन, 44 रोगियों के शव परीक्षण पर आधारित है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि परीक्षण के परिणाम से पता चलता है कि वायरस व्यापक रूप से पूरे शरीर पर असर डालता है। कोरोनावायरस पूरे शरीर में कोशिकाओं को संक्रमित करता है, जिससे महीनों तक मस्तिष्क, मांसपेशियों, त्वचा, नसों, कार्डियोवैस्कुलर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, एंडोक्राइन और लिंफेटिक सिस्टम पर इसका गहरा असर रहता है।

शनिवार को जारी किए गए एक प्री-प्रिंट पेपर में, जिसका पीयर रिव्यू नहीं किया गया है, उसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के वैज्ञानिकों ने लिखा है कि उन्होंने 230 दिनों तक शरीर में कई जगहों पर शव परीक्षण में मौजूद SARS-CoV-2 RNA वायरस पाया।

शोधकर्ताओं ने कहा कि वायरस संक्रमण की शुरुआत में श्वसन प्रणाली पर बुरा प्रभाव डाला। वहीं बाद में यह वायरस उन रोगियों के पूरे शरीर में व्यापक रूप से फैल गया, जिनकी मृत्यु स्पर्शोन्मुख या हल्के COVID-19 से हुई थी।

शोध में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन लोगों में कोरोना वायरस का हल्का संक्रमण हुआ था, उनके भी मस्तिष्क और अन्य अंगों पर महीनों तक बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है। वहीं देश के शीर्ष संक्रामक रोग अधिकारी, डॉक्टर एंथनी फौसी ने रविवार को एबीसी के दिस वीक को बताया, 'हमें सावधान रहना होगा, हम आत्म संतुष्ट ना हो‌।' 


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