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11 हजार लोगों में की गई रिसर्च से चला पता, आंख के विकार से गंभीर हो सकता है कोरोना संक्रमण

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सेगी शेपिरा ने कहा कि हमारे अध्ययन से कोरोना की गंभीरता में काम्प्लेमेंट के बारे में अहम जानकारी मुहैया होती है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:30 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 08:42 PM (IST)
11 हजार लोगों में की गई रिसर्च से चला पता, आंख के विकार से गंभीर हो सकता है कोरोना संक्रमण
11 हजार लोगों में की गई रिसर्च से चला पता, आंख के विकार से गंभीर हो सकता है कोरोना संक्रमण

वाशिंगटन, एजेंसी। सामान्य व्यक्तियों की तुलना में पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए कोरोना वायरस (Covid 19) ज्यादा घातक साबित हो रहा है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि उम्र संबंधी आंख के विकार मैक्युलर डीजनरेशन पीड़ितों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने का खतरा ज्यादा हो सकता है। आंखों में मैक्युलर डीजनरेशन की समस्या इम्यून सिस्टम (Immune System) की अत्यधिक सक्रियता के चलते खड़ी होती है। इसके चलते नजर कमजोर पड़ जाती है। 60 से ज्यादा उम्र वालों में हमेशा के लिए नजर खोने का खतरा रहता है।

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अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, कोरोना के गंभीर होने में काम्प्लेमेंट नामक इम्यून सिस्टम के अहम हिस्से की भूमिका हो सकती है। इसी काम्प्लेमेंट सिस्टम की अधिक सक्रियता और ब्लड क्लाटिंग (रक्त का थक्का) जैसे विकारों के चलते मैक्युलर डीजनरेशन की समस्या होती है। नेचर मेडिसिन पत्रिका में छपे अध्ययन में बताया गया है कि काम्प्लेमेंट सिस्टम पर अंकुश लगाने वाली मौजूदा दवाओं की मदद से गंभीर रूप से पी़ि़डत रोगियों का इलाज किया जा सकता है।

11 हजार रोगियों पर किया गया अध्ययन

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सेगी शेपिरा ने कहा, 'हमारे अध्ययन से कोरोना की गंभीरता में काम्प्लेमेंट के बारे में अहम जानकारी मुहैया होती है।' शोधकर्ताओं ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर में भर्ती किए गए करीब 11 हजार कोरोना रोगियों पर किए गए अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने पाया कि इन रोगियों में से मैक्युलर डीजनरेशन से पीड़ित करीब 25 फीसद की मौत हो गई। कोरोना से मरने वालों में मैक्युलर डीजनरेशन पीड़ितों की मौत की दर सबसे ज्यादा पाई गई।

बता दें कि दुनियाभर में कोरोना संकट के बीच लोगों को वैक्सीन का इंतजार है। इसको लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक शोध और ट्रायल में लगे हुए हैं। इस बीच भारत में ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी मिल गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, देश की शीर्ष दवा नियामक- ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को भारत में ऑक्सफोर्ड की संभावित कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के मानव ट्रायल को मंजूरी मिल गई है।


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