इस देश के वैज्ञानिकों का दावा - जल्द बन सकता है रोशनी से काम करने वाला पेसमेकर
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन का एक जाल बनाया है, जो प्रकाश पड़ते ही इलेक्ट्रोकेमिकल प्रभाव पैदा करता है जो दिल को धड़कने में मदद करता है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सोलर सेल बनाया है जो दिल की धड़कन को प्रोत्साहित करने में सक्षम है। प्रयोग सफल रहा तो भविष्य में प्रकाश से संचालित होने वाला पेसमेकर बनाने का रास्ता खुल सकता है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन का एक जाल बनाया है, जो प्रकाश पड़ते ही इलेक्ट्रोकेमिकल प्रभाव पैदा करता है। यह इलेक्ट्रोकेमिकल प्रभाव दिल को धड़कने में मदद करता है। पहले वैज्ञानिकों ने न्यूरॉन्स को गति देने के लिए इस तरह का उपकरण बनाया था। बाद में उन्होंने इसकी मदद से इतना पतला जला बनाया जिसे आसानी से हृदय के चारों ओर लपेटा जा सके। इसके चारों ओर सूक्ष्म तार (नैनो वायर) लगाए गए, जो दिल की कोशिकाओं से छूते हैं।
वैज्ञानिकों ने बताया कि जैसे ही इस जाल के ऊपर से लेजर के जरिये प्रकाश छोड़ा जाता है, कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं। इससे दिल धड़कता है। वर्तमान पेसमेकर से इतर यह उपकरण दिल की मांसपेशियों को धड़कने के लिए प्रेरित करता है। इसका प्रभाव होने में कुछ पल लगते हैं लेकिन एक बार प्रकाश पड़ने के बाद मांसपेशियां कुछ देर तक धड़कती रहती हैं।
वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी यह तकनीक बेहद शुरुआती स्तर पर है। प्रयोग सफल रहने पर इसे सीधे दिल के खास हिस्से पर लगाया जा सकता है। इसे ऊर्जा देने के लिए बेहद छोटा ऑपरेशन करके ऑप्टिकल फाइबर लगाना होगा।
क्या होता है पेसमेकर?
हमारे हृदय के ऊपरी हिस्से में एक साइनस नोड होता है। यह एक इलेक्टि्रकल संकेत भेजता है, जिसके कारण दिल धड़कता है। जब यह नोड काम करना बंद कर देता है या सही से काम नहीं करता, तब दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है। ऐसे में एक इलेक्टि्रकल उपकरण की सहायता से दिल को धड़कने में मदद की जाती है। इसी उपकरण को पेसमेकर कहते हैं। यह बैटरी की मदद से काम करता है।