रक्त में नुकसानदेह बैक्टीरिया की पहचान करेगी नई डिवाइस, पढ़ें अध्ययन में सामने आई बातें
शोधकर्ताओं के अनुसार यह डिवाइस शरीर के फ्लूड्स में बैक्टीरिया को तेजी से अलग करने सुधारने और निशाना साधने में सक्षम है।
वॉशिंगटन, आइएएनएस/एएनआइ। शोधकर्ताओं ने नन्हे आकार की एक ऐसी डिवाइस विकसित की है, जो रक्त में मौजूद नुकसानदेह बैक्टीरिया की झटपट पहचान कर सकती है। इससे चिकित्सक खतरनाक संक्रमणों के कारण का सटीक पता लगा सकते हैं और उनका दवाओं के साथ मुकाबला कर सकते हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह डिवाइस शरीर के फ्लूड्स में बैक्टीरिया को तेजी से अलग करने, सुधारने और निशाना साधने में सक्षम है। यह पार्टिकल्स और बैक्टीरिया को फिल्टर करने में 86 फीसद तक सटीक है। अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर रुओ-कियान वांग ने कहा, 'शीघ्रता से दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया की पहचान होने से चिकित्सकों को सही दवाओं की सलाह देने में मदद मिलेगी। इससे किसी पीडि़त को बचाने की संभावना मजबूत हो सकती है।' जन स्वास्थ्य के लिहाज से दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया या सुपरबग बड़ी चिंता के तौर पर उभरे हैं। दवा प्रतिरोधी संक्रमणों के चलते दुनिया में हर वर्ष सात लाख लोगों की जान चली जाती है।
स्ट्रोक पीडि़तों को उबारने की दिखी नई उम्मीद
स्ट्रोक पीडि़तों को उबारने की दिशा में एक नई उम्मीद दिखी है। शोधकर्ताओं ने पाया कि स्ट्रोक के कुछ दिनों के अंदर ही रोगियों का विश्लेषण करने से बोलने संबंधी विविध क्षमताओं को मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों से जोड़ा जा सकता है। स्ट्रोक रोगियों के उपचार और उबारने के तौर तरीकों को बेहतर करने के लिहाज से यह सफलता अहम मानी जा रही है।
अमेरिका की राइस यूनिवर्सिटी और बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के अनुसार, यह निष्कर्ष 65 स्ट्रोक रोगियों पर किए गए अध्ययन के आधार पर निकाला गया है। परीक्षण के तौर पर रोगियों को सिंड्रेला की कहानी पढ़ने को दी गई और फिर उन्हें कहानी सुनाने को कहा गया। शोधकर्ताओं ने यह उम्मीद जताई है कि उनके अध्ययन से यह बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा कि स्ट्रोक से मस्तिष्क के विभिन्न हिस्से किस तरह उबरते हैं?