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चलने से ऊर्जा पैदा करेगी नई डिवाइस, इस तरह तैयार किया उपकरण, यह मिलेगी मदद

इस उपकरण के बारे बताया गया है कि इसका आकार एक कलाई की घड़ी जितना है। यह इतनी ऊर्जा पैदा कर सकता है, जिससे निजी स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली को आसानी से चलाया जा सके।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 11:32 AM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 11:32 AM (IST)
चलने से ऊर्जा पैदा करेगी नई डिवाइस, इस तरह तैयार किया उपकरण, यह मिलेगी मदद
चलने से ऊर्जा पैदा करेगी नई डिवाइस, इस तरह तैयार किया उपकरण, यह मिलेगी मदद

वाशिंगटन [प्रेट्र]। स्मार्टफोन, टैबलेट जैसे उपकरणों को चार्ज करने के लिए हम इलेक्ट्रिक बोर्ड का सहारा लेते हैं। सफर के दौरान पावर बैंक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन पावर बैंक को भी आखिरकार चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड ढूंढ़ना ही पड़ता है। अब वैज्ञानिकों ने इसका बेहतरीन विकल्प तलाश लिया है। उन्होंने एक ऐसा अनोखा पहना जा सकने वाला उपकरण विकसित किया है, जो हमारे चलने के दौरान मात्र हाथ की गतिविधि से ऊर्जा पैदा कर सकता है। यह ऊर्जा को संग्रहित भी रखेगा, जिससे जरूरत पड़ने पर अपने जरूरी उपकरणों को चार्ज किया जा सकेगा।

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इतनी ऊर्जा करता है उत्पन्न

एडवांस फंगशनल मैटीरियल्स नामक जर्नल में प्रकाशित इस उपकरण के बारे बताया गया है कि इसका आकार एक कलाई की घड़ी जितना है। यह इतनी ऊर्जा पैदा कर सकता है, जिससे निजी स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली को आसानी से चलाया जा सके।

अन्य उपकरणों की तुलना में बेहतर

अमेरिका की पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर सुजान ट्रोलियर-मैककिंस्त्री कहती हैं, अनुकूलित सामग्री से हमने जो उपकरण बनाया है, वह किसी भी अन्य उपकरण की तुलना में पांच से 50 गुना ज्यादा बेहतर तरीके से चलता है।

यह मिलेगी मदद

शोधकर्ताओं का कहना है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स में शामिल किए जाने वाले उन लाखों उपकरणों को ऊर्जा देने के लिए दूसरे माध्यमों से ऊर्जा एकत्रित करने वाले उपकरणों की मांग बहुत बढ़ गई है। फिर से चार्ज हो सकने वाली बैटरी या सुपरकैपिसिटर को लगातार ऊर्जा उपलब्ध कराकर ये उपकरण बैटरी बदलने में आने वाली श्रम लागत को कम कर सकता है और इससे लैंडफिल से उन बैटरी को बाहर रखने में भी मदद मिलेगी, जिन्होंने काम करना बंद कर दिया है।

इस तरह तैयार किया उपकरण

कुछ क्रिस्टल दबाए जाने पर विद्युत प्रवाह उत्पन्न करते हैं या बिजली के चार्ज के कारण अपना आकार बदलते हैं। इसे पायजोइलेक्ट्रिक प्रभाव कहा जाता है। इसका प्रयोग अल्ट्रासाउंड और सोनर उपकरणों के अलावा ऊर्जा उत्पन्न करने में भी किया जाता है। ट्रोलियर-मैककिंस्त्री और उनके पूर्व डॉक्टरेट छात्र हॉन्ग गुओ येओ ने इस उपकरण को तैयार करने में एक जाने-पहचाने पायजोइलेक्ट्रिक मैटीरियल पीजेडटी का प्रयोग किया। इसे दोनों तरफ से लचीली धातु की पन्नी से कोट किया गया। इस बार इसकी मोटाई पूर्व के उपकरणों की तुलना में चार से पांच गुना अधिक रखी गई। वैज्ञानिकों ने इसकी मदद से एक कलाई की घड़ी तैयार की। वैज्ञानिकों ने पाया कि जब इसे मुक्त रूप से घुमाया जाता है तो यह ऊर्जा उत्पन्न करता है।

किया जा रहा बेहतर

वैज्ञानिक इस उपकरण की खोज से उत्साहित हैं। उनका कहना है कि इस खोज ने भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने का बेहतर विकल्प सुझाया है। अभी इस पर कुछ सुधार संबंधी काम किए जाने बाकी हैं। उम्मीद है कि जल्द इसे लोगों के लिए उपलब्ध कराया जा सकेगा। 


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