कोरोना संक्रमण के न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की पहचान से इलाज को लेकर जगी उम्मीद
वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण के न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की पहचान करने में सफलता पाई है। माना जा रहा है कि इन लक्षणों की पहचान से मरीजों के इलाज की उम्मीद जगी है।
न्यूयॉर्क, पीटीआइ। दुनियाभर में कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिक शोध कार्यों में जुटे हुए हैं। ऐसे ही एक अध्ययन में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच उम्मीद की एक और किरण दिखी है। वैज्ञानिकों ने इस वायरस के संक्रमण के न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की पहचान की है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस संक्रमण के प्रभाव से सिरदर्द होता है, सूंघने और स्वाद की क्षमता कम हो जाती है, बेहोशी होती है और दौरे पड़ने के मामले भी होते हैं।
अमेरिका के येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के सांस से जुड़े लक्षणों के बारे में पहले से ही जानकारी है, जबकि इसके न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की ज्यादा जानकारी नहीं है। विज्ञान पत्रिका अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने पहले से ज्ञात इस तरह के कुछ वायरस से जुड़े मैकेनिज्म को आधार बनाकर कोविड-19 संक्रमण का कारण बनने वाले वायरस के न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का पता लगाया।
वैज्ञानिकों ने सेंट्रल नर्वस सिस्टम यानी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में वायरस के पहुंचने के रास्ते और उसके टार्गेट टिश्यू की पहचान की है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के हवाले से वैज्ञानिकों ने बताया कि कुछ संक्रमित लोगों में भ्रम की शिकायत भी देखी गई है। संक्रमण से मस्तिष्क क्षतिग्रस्त होने का भी खतरा रहता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह वायरस कई अलग-अलग रास्तों से सेंट्रल नर्वस सिस्टम तक पहुंच सकता है।
इसमें संक्रमित न्यूरॉन और नाक व दिमाग से जुड़ी नर्व शामिल हैं। इसी कारण से संक्रमित व्यक्ति की सूंघने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। इसके अलावा वायरस रक्त नलिकाओं की आंतरिक दीवारों से होते हुए भी सेंट्रल नर्वस सिस्टम में पहुंच सकता है। यह वायरस दिमाग को जिस मैकेनिज्म के तहत प्रभावित करता है वैसा मैकेनिज्म एचआइवी के वायरस में भी देखा गया है। फिलहाल इस मैकेनिज्म को समझना इस वायरस का इलाज खोजने में मददगार हो सकता है।