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नासा का ओसिरिस रेक्स अंतरिक्ष यान बेनू ग्रह से कलेक्ट करेगा सैंपल, सौरमंडल की उत्पत्ति के खुलेंगे राज

नासा का अंतरिक्ष यान ओसिरिस बेनू ग्रह पर पहुंचकर वहां से सैंपल कलेक्ट करेगा उसके बाद वो उस सैंपल को लेकर धरती पर आएगा यहां उस सैंपल पर रिसर्च की जाएगी। इससे सौरमंडल की उत्पत्ति के राज खुल सकेंगे।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 03:54 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 09:41 AM (IST)
नासा का ओसिरिस रेक्स अंतरिक्ष यान बेनू ग्रह से कलेक्ट करेगा सैंपल, सौरमंडल की उत्पत्ति के खुलेंगे राज
नासा ने एक टेस्ट अंतरिक्ष यान ओसिरिस रेक्स अंतरिक्ष में भेजा है। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क/एएफपी। नासा अंतरिक्ष में नई-नई खोजों के लिए काम करता रहता है। इसी दिशा में अब वो एक नए छुद्र ग्रह बेनू के करीब पहुंचकर वहां से सैंपल लेने की कोशिश कर रहा है। नासा का यह भी कहना है कि लगभग 150 साल के दरम्यान ये ग्रह धरती के बेहद करीब आ जाएगा, उस दौरान ये धरती को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकता है। खैर ये अभी काफी लंबे समय की बात है मगर इन चीजों को ध्यान में रखते हुए नासा इसकी जांच करना चाह रही है।

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ऑनलाइन होगा प्रसारण 

नासा की वेबसाइट पर लिखा है कि जीएमटी के अनुसार 21 बजे अंतरिक्ष टेस्ट यान के बेनू ग्रह के नजदीक पहुंचने का ऑनलाइन प्रसारण किया जाएगा। यह अंतरिक्षयान तीन साल बाद सितंबर 2023 में धरती पर वापस लौटेगा। इस परियोजना पर 1 अरब डॉलर का खर्च आया है और नासा को उम्मीद है कि उसके लाए सैंपल से 4.5 अरब साल पुराने सौरमंडल की उत्पत्ति के राज खुलेंगे। छुद्र ग्रहों को सौरमंडल की उत्पत्ति के दौरान पैदा हुआ माना जाता है।

ओसिरिस अंतरिक्ष यान पहुंच रहा बेनू के करीब 

नासा ने एक टेस्ट अंतरिक्ष यान ओसिरिस रेक्स अंतरिक्ष में भेजा है। ये अंतरिक्ष यान आज (मंगलवार) छुद्र ग्रह बेनू के अत्यंत करीब पहुंच रहा है और वहां अपनी जांच शुरू करेगा। नासा का कहना है कि बाद में वो रोबोट को भेजेगा, फिर वो रोबोट वहां से सैंपल को कलेक्ट करेगा और उस सैंपल को धरती पर भेजेगा। ओसिरिस रेक्स ओरिदिन, स्पेक्ट्रल इंटरप्रेटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन और एक्प्लोरर का छोटा रूप है और उसका काम बेनू छुद्र ग्रह से सैंपल लाना है। नासा ने बेनू को 500,000 छुद्र ग्रहों में से चुना है और अब वहां अंतरिक्ष यान भेजा है।

जापान ने भेजा था हायाबूसा, पहले भी हुई है सैंपल लाने की कोशिश 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले दो बार अंतरिक्ष यान के छुद्र ग्रह तक पहुंचने की कोशिश का सफल परीक्षण किया है। चूंकि टेस्ट यान ओसिरिस रेक्स धरती से 29 करोड़ किलोमीटर दूर है नासा से भेजे जाने वाले सिग्नल को वहां तक पहुंचने में 16 मिनट लगते है। ओसिरिस रेक्स पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान है जो किसी छुद्रग्रह को भेजा गया है, 2005 में जापान ने अपना हायाबूसा टेस्ट यान एक छुद्र ग्रह को भेजा था। वह 2010 में वहां की सतह से जमा सैंपल लेकर आया था। बाद में और भी यान भेजे गए लेकिन कोई सैंपल लेकर नहीं आया।

29 करोड़ किलोमीटर दूर है बेनू 

नासा के अनुसार बेनू ग्रह धरती से 29 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित है। नासा का कहना है कि करीब 550 मीटर व्यास का बेनू अगले 150 साल में धरती के बहुत करीब पहुंच सकता है। भले ही उस समय धरती से टक्कर का जोखिम बहुत कम है लेकिन नासा इस ग्रह को इस समय सबसे खतरनाक छुद्र ग्रह मान रहा है। ओसिरिस रेक्स को 2016 में अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था और वह बड़े वैन के आकार का है। उसे बेनू तक पहुंचने में दो साल लगे। तब से छह मीटर लंबा और 2,100 किलो भारी टेस्ट यान छुद्र ग्रह के चक्कर काट रहा है।

छुद्र ग्रह पर उतरेगा रोबोट, लेगा सतह से सैंपल 

जब ओसिरिस रेक्स बेनू के करीब पहुंचेगा तो उसकी रोबोट वाली बांह बाहर निकलेगी, जिसका नाम टागसैम है। वह ग्रह की सतह को पांच सेकंड के लिए छुएगा, नाइट्रोजन गैस छोड़ेगा ताकि सतह पर धूल उड़े और उसके बाद 60 से 2,000 ग्राम धूल इकट्ठा करेगा और उसके बाद आगे बढ़ जाएगा। ये सैंपल लेकर वो वापस आएगा, यहां लैब में इस सैंपल की जांच की जाएगी।  


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