नए ग्रहों की खोज के लिए नासा का मिशन 16 अप्रैल को होगा लांच
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा 'ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सेटेलाइट मिशन 16 अप्रैल को लांच करने की तैयारी कर रही है।
वाशिंगटन, (आइएएनएस)। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा 'ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सेटेलाइट (टीईएसएस)' मिशन का अगला चरण 16 अप्रैल को लांच करने की तैयारी कर रही है। इस मिशन के तहत सौर मंडल के बाहरी ग्रहों की खोज की जानी है। ग्रहों की खोज करने वाले अंतरिक्ष यान को स्पेस एक्स के फॉल्कन 9 रॉकेट के साथ फ्लोरिडा स्थित एयरफोर्स स्टेशन से लांच किया जाएगा। नासा इस मिशन से जुड़ी विस्तृत जानकारियां 28 मार्च को देगा।
टीईएसएस मिशन सौर मंडल के नजदीक स्थित करीब दो लाख तारों का सर्वेक्षण करेगा। इसके बाद इन तारों का चक्कर लगा रहे ग्रहों की खोज की जाएगी। शोधकर्ता इस मिशन से करीब 2,000 ग्रह व संभावित ग्रह खोजने की उम्मीद जता रहे हैं। उनका मानना है कि इनमें से कम से 300 ग्रह पृथ्वी के बराबर या पृथ्वी से बड़े यानी सुपर अर्थ होंगे। इन ग्रहों का टेलीस्कोप से अध्ययन कर उन पर जीवन की संभावना के साथ अन्य विशेषताओं का पता लगाया जाएगा।
जापान के टोक्यो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इस शोध के लिए नासा के केपलर स्पेसक्राफ्ट के दूसरे अभियान के आंकड़ों पर अध्ययन किया है। बता दें कि नासा के इस स्पेसक्राफ्ट ने अमेरिका के हवाई मे मौजूद सुबारु टेलीस्कोप और स्पेन के नॉरडिक ऑप्टिकल टेलीस्कोप की मदद से ये खास अंतरिक्ष डेटा तैयार किया है। इन सभी नए एक्सोप्लैनेट से जुड़ी रिसर्च के बारे में बताते हुए जापानी वैज्ञानिक प्रो हिरानो कहते हैं कि इस रिसर्च में खोजे गए सभी 15 ग्रहों में 3 को सुपर अर्थ माना जा रहा है, क्योंकि ये आकार में धरती से बड़े हैं। हालांकि ये सभी ग्रह हमारी धरती से तकरीबन 200 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद एक लाल तारे के2-155 की परिक्रमा कर रहे हैं। इन 3 सुपर अर्थ में सबसे बाहरी ग्रह पर पानी की उम्मीद है, लेकिन अभी इस बारे में प्रमाणिक रूप से कहना कठिन है। इसीलिए नासा अप्रैल में ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सेटेलाइट (टीईएसएस) लांच करने जा रहा है, ताकि इस ब्रम्हांड में और अधिक एक्सोप्लैनेट खोजे जा सकें।
पूरी दुनिया के लिए जारी किया एआई सिस्टम
हाल ही में नासा ने अंतरिक्ष में सितारों और गृहों को खोजने के लिए बनाए अपने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) सिस्टम को दुनिया के सामने सार्वजनिक कर दिया है। ताकि इस तकनीक का इस्तेमाल करके दुनिया के तमाम वैज्ञानिक सोलर सिस्टम के बाहर मौजूद ग्रहों को खोज सकें। हाल में इस सिस्टम की मदद से एक न्यूरल नेटवर्क तैयार किया गया था, जिसने नासा के केपलर स्पेस टेलीस्कोप से जुटाए गए डाटा की जांच करके केपलर-90-आई और केपलर-80 जी नाम के दो ग्रहों को खोज निकाला है।