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सूर्य और उसके आसपास के वातावरण का अध्ययन करेगा नासा, ब्रह्मांड के रहस्यों से उठेगा पर्दा

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि मिशन की अवधारणा के अध्ययन के लिए के प्रत्येक प्रस्ताव पर 1.25 मिलियन डॉलर (लगभग 10 करोड़ 96 लाख रुपये) का खर्च आएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 06:15 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 08:09 AM (IST)
सूर्य और उसके आसपास के वातावरण का अध्ययन करेगा नासा, ब्रह्मांड के रहस्यों से उठेगा पर्दा
सूर्य और उसके आसपास के वातावरण का अध्ययन करेगा नासा, ब्रह्मांड के रहस्यों से उठेगा पर्दा

वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सूर्य और इसके आसपास के वातावरण (जिसके जरिये पृथ्वी के साथ इसका संपर्क बना रहता है) के अध्ययन का विस्तृत खाका तैयार कर लिया है। एक मिशन के तहत नासा इस कार्यक्रम को अंजाम देगा। इसके लिए एजेंसी ने पांच प्रस्तावों का चयन किया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि मिशन की अवधारणा के अध्ययन के लिए के प्रत्येक प्रस्ताव पर 1.25 मिलियन डॉलर (लगभग 10 करोड़ 96 लाख रुपये) का खर्च आएगा और इसके बाद मिशन को लांच किया जाएगा।

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सौर मडंल के बारे में दुरुस्त होगी जानकारी, और बेहतर बनेगा जीपीएस सिस्टम

नासा के विज्ञानियों ने कहा कि इस मिशन से अंतरिक्ष के बारे में हमारी जानकारियां दुरुस्त होंगी। साथ ही अंतरिक्ष में गुजरने वाली पराबैंगनी किरणों जैसी शक्तियों से अंतरिक्ष यात्रियों के साथ-साथ उपग्रहों को भी बचाया जा सकेगा और जीपीएस जैसे कम्यूनिकेशन सिग्नल को और बेहतर बनाया जा सकता है।

वाशिंगटन में नासा के साइंस मिशन डायरेक्टरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस ज़ुर्बुचेन ने एक बयान में कहा, 'हम ऐसे मिशन की तलाश में थे, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा हो। अब हमारा सपना साकार होने जा रहा है।' उन्होंने कहा, 'हमें पूरी उम्मीद है कि नए मिशन में कुछ ऐसा देखने का मौका मिलेगा जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा है। साथ ही अनुसंधान के क्षेत्र में भी कई अहम जानकारियां मिलेंगी और ब्रह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठेगा।'

नासा के साइंस मिशन डायरेक्टरेट में हेलियोफिजिक्स डिवीजन के निदेशक निकी फॉक्स ने कहा, 'हम अंतरिक्ष मिशनों के लिए सौर प्रणाली में सावधानी पूर्वक सेंसर प्रदान करते हैं ताकि अंतरिक्ष यात्रियों की यात्रा सुगम हो और वे अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकें। नासा के भावी मिशन के लिए भी हम पूरी तरह तैयार है।' हेलियोफिजिक्स कार्यक्रम में ऊर्जा, कणों और विशाल चुंबकीय क्षेत्रों का अध्ययन किया जाता है। यह क्षेत्र दो ग्रहों के बीच होता है। सूर्य के प्रकाश में इसकी पारस्परिक प्रणाली बदलती रहती है।


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