वैज्ञानिकों की नौ टीमें करेंगी अध्ययन, चंद्रमा के बारे में और बढ़ेगी समझ
अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने बताया कि 80 लाख अमेरिकी डॉलर की लागत वाले अध्ययन में पिछले 50 सालों से सहेज कर रखे गए नमूनों के बारे में जाना जाएगा।
वाशिंगटन, प्रेट्र। नासा अब 1970 में अपने अपोलो मिशन के दौरान चंद्रमा से इकट्ठा किए गए नमूनों का अध्ययन करेगा। इसके लिए नौ टीमों को तैयार किया गया है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने बताया कि 80 लाख अमेरिकी डॉलर की लागत वाले अध्ययन में पिछले 50 सालों से सहेज कर रखे गए नमूनों के बारे में जाना जाएगा नासा के विज्ञान मिशन निदेशालय के एशोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थामस जुर्बुचेन ने बताया कि चंद्रमा के इन अनमोल नमूनों का अध्ययन कर हमारी नई पीढ़ी चंद्रमा के बारे में एक नई समझ विकसित करेगी। नौ में से छह टीमें अपोलो मिशन 15, 16, 17 के उन नमूनों का अध्ययन करेंगी जो कभी पृथ्वी के वायुमंडल में नहीं खोले गए। 1972 में अपोलो 17 मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री हैरिसन समिट और जीन सर्नन द्वारा लाए गए वैक्युम पैक नमूने का भी अध्ययन किया जाएगा।
अपोलो 17 द्वारा लाया गया नमूना 800 ग्राम का है और यह एक ‘ड्राइव ट्यूब’ में पैक है। जिसे सैंपल इकट्टा करने के लिए चंद्रमा में उतारा गया था। इसमें केवल चट्टानों का नहीं बल्कि वहां के संभावित खनिजों का भी सैंपल है। इस नमूने के माध्यम से वैज्ञानिक चंद्रमा की चट्टानों की परतों का अध्ययन कर सकते हैं। इस नमूने को 1972 से ह्यूस्टन में नासा के जानसन स्पेस सेंटर में सुरक्षित रखा गया है।
अन्य टीमें ऐसे नमूनों का अध्ययन करेंगी जो विशेष रूप से सुरक्षित रखे गए हैं। जिनमें अपोलो 17 और अपोलो 15 के लाए गए वह नमूने हैं जिन्हें हिलियम में रखा गया है। नासा ने केवल चंद्रमा के कुछ स्थानों से नमूने एकत्र किए हैं, लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी को पता है कि चंद्रमा एक जटिल भूगर्भिक निकाय है। नासा ने कक्षा से उन प्रकार की चट्टानों और खनिजों की पहचान की है जो अपोलो से लाए गए नमूनों में नहीं हैं।