ब्रह्मांडीय विस्फोटों का अध्ययन करेगी नासा, सौर मंडल के बाहर स्थित ग्रहों और तारों की सुलझेंगी पहेलियां
नासा ने अपने खोजी कार्यक्रम के तहत खगोल भौतिकी मिशन और मिशन ऑफ अपॉच्युनिटी के लिए दो-दो प्रस्तावों का चयन किया है।
वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चार मिशनों के लिए प्रस्तावों का चयन किया है, जो ब्रह्मांडीय विस्फोटों और उनके पीछे छूट जाने वाले मलबे का अध्ययन करेंगे। साथ ही, यह भी निगरानी करेंगे कि पास के तारे की परिक्रमा करने वाले ग्रहों के वायुमंडल को ये कैसे प्रभावित कर सकते हैं।
भावी मिशनों का विस्तृत मूल्यांकन करने के बाद नासा ने अपने खोजी कार्यक्रम के तहत खगोल भौतिकी मिशन और मिशन ऑफ अपॉच्युनिटी के लिए दो-दो प्रस्तावों का चयन किया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को कहा कि चयनित मिशनों को 2025 में लांच करने का लक्ष्य रखा गया है।
ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने में मिलेगी मदद
वाशिंगटन में एजेंसी के साइंस मिशन निदेशालय के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बुचेन ने कहा, 'खोजी कार्यक्रम के तहत ये प्रस्ताव ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने में मदद करेंगे। इसके लिए उन्नत और रचनात्मक तरीके अपनाए जाएंगे।' उन्होंने कहा कि हमारे सौर मंडल के बाहर के तारों और ग्रहों का अध्ययन करने से लेकर इनके सबसे बड़े ब्रह्मांडीय रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए हम तत्पर और उत्सुक हैं।
जुर्बुचेन के कहा, 'दो एस्ट्रोफिजिक्स स्मॉल एक्सप्लोरर (एसएमईएक्स) मिशन और दो मिशन ऑफ अपॉच्युनिटी (एमओ) के प्रस्तावों को इसके लिए चुना गया है, जो विकास योजनाओं की व्यवहार्यता पर भी आधारित हैं। उन्होंने कहा कि यदि इसकी लांचिंग की लागत को छोड़ दिया जाए तो एसएमईएक्स मिशन की लागत 14.5 करोड़ और एमओ की लागत 7.5 करोड़ रुपये आ सकती है।
नहीं रुकेगा मंगल मिशन
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने कोविड-19 के प्रकोप के बावजूद भी अपने मंगल मिशन को जारी रखने का फैसला किया है।
फॉक्स न्यूज के अनुसार, अंतरिक्ष एजेंसी की आगामी मंगल मिशन में देरी करने की कोई योजना नहीं है। इसके तहत इस साल 17 जुलाई को लाल ग्रह में रोवर भेजा जाना है।
नासा के प्रवक्ता अल्लार्ड बीटल ने एक ईमेल के जरिये दिए उत्तर में कहा, 'हम कोरोना वायरस (कोविड-19) की स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए योजनाएं बना रहे हैं। कोरोना वायरस से मंगल मिशन प्रभावित नहीं होगा। रोवर तय समय पर ही अपने लक्ष्य की ओर उड़ान भरेगा।'
मंगल पर भेजे जाने हैं लोगों के नाम
बता दें कि इस मिशन पर एक रोबोट के साथ-साथ लोगों के नामों एक चिप भी मंगल पर भेजी जानी है। इसके लिए इच्छुक लोगों से नासा ने बीते दिनों ने अपने नाम भेजने को कहा था। अंतरिक्ष में रुचि रखने वाले लाखों लोगों ने अपने नाम एजेंसी को भेजे हैं। जिन लोगों ने अपने नाम भेजे हैं उन्हें ऑनलाइन बोर्डिंग पास दिए गए हैं।
इलेक्ट्रॉनिक बीम से उकेरा जाएगा नाम
नामों को एक सिलिकॉन वेफर माइक्रोचिप पर एक इलेक्ट्रॉनिक बीम की मदद से उकेरा जाएगा। इस चिप को रोवर लेकर जाएगा और यह चिप हमेशा के लिए मंगल पर ही रहेगी। उल्लेखनीय है कि नासा का मंगल मिशन जुलाई 2020 में लांच किया जाएगा और फरवरी 2021 में रोवर लाल ग्रह पर उतरेगा।