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नासा का रॉकेट लांच होने से ठीक पहले रोका गया, आखिरी 2 मिनट में आई तकनीकी खराबी

इस अभियान को वर्जिनिया में NASA Wallops Flight Facility (नासा वॉलॉप्स फ्लाइट फैसिलिटी) से लॉन्च करने के दो मिनट पहले रोक दिया गया। नासा ने गुरुवार रात 8000 पाउंड की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक भेजने की तैयारी की थी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 09:29 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 09:29 AM (IST)
नासा का रॉकेट लांच होने से ठीक पहले रोका गया, आखिरी 2 मिनट में आई तकनीकी खराबी
नासा वॉलॉप्स फ्लाइट फैसिलिटी से लांचिंग की तैयारी।

वॉलॉप्स आइलैंड, एएनआइ। आज नासा का एक रॉकेट लांच होने से ठीक पहले रोक दिया गया। इस अभियान के तहत नासा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में कई तरह के सामान की आपूर्ति करने वाला है। इस अभियान को वर्जिनिया में NASA Wallops Flight Facility (नासा वॉलॉप्स फ्लाइट फैसिलिटी) से लॉन्च करने के दो मिनट पहले रोक दिया गया। नासा ने गुरुवार रात 8,000 पाउंड की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक भेजने की तैयारी की थी।

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नासा अंतरिक्ष यात्रियों की सुविधा के लिए शौचालय के विकास पर 23 मिलियन डॉलर (लगभग 167.9 करोड़ रुपये) खर्च कर रही है। यह शौचालय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में लगाए जाएंगे। नासा गुरुवार एक अक्तूबर को यह नए डिजाइन के शौचालय अंतरिक्ष में भेजने वाली थी। 

नासा ने कहा, "नॉर्थरोप ग्रुमैन के एंटेर्स रॉकेट के लिए आज रात के प्रक्षेपण के प्रयास ने सिग्नस को दोबारा अंतरिक्ष में भेजने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में एक अनजान समस्या के कारण ग्राउंड सपोर्ट उपकरण के एक घटक की वजह से 2 मिनट और 40 सेकंड पहले साफ किया।

नासा के मुताबिक इस समस्या का समाधान किए जाने के बाद इसे दोबारा 8.45 बजे (ईस्टर्न टाइम जोन) में भेजा जाएगा। एयरोस्पेस कंपनी नॉर्थरोप ग्रुमैन कोर्पोरेशन ने अपने लांच होने वाले सिग्नस स्पेसक्राफ्ट का नाम भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा है। बता दें कि कल्पना चावला अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं। 2003 में अंतरिक्ष यान में हुई एक दुर्घटना में उनकी और छह साथियों की दर्दनाक मौत हो गई थी। 

इंसान लगभग 20 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रह रहा है, विज्ञान के प्रयोग कर रहा है और काम कर रहा है। लेकिन फिर भी इंजीनियरिंग के इस पराक्रम को कभी-कभी एक नए शौचालय की तरह अपग्रेड किए जाने की जरूरत होती है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में लॉन्च होने वाली 8,000 पाउंड की आपूर्ति में से एक नया स्पेस टॉयलेट है जिसे यूनिवर्सल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम कहा जाता है। 


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