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मंगल के क्रेटर में मिले सिलिका के भंडार, रोवर बताएंगे किस प्रकार की सामग्री है मौजूद

अध्ययन में बताया गया है कि जाजीरो नामक इस क्रेटर में कई ऐसी सामग्रियां हैं जिन्हें सदियों पहले में नदियां अपने साथ बहा कर लाई थीं और अपने डेल्टा के आसपास इन्हें छोड़ देती थीं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 09:32 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 09:39 AM (IST)
मंगल के क्रेटर में मिले सिलिका के भंडार, रोवर बताएंगे किस प्रकार की सामग्री है मौजूद
मंगल के क्रेटर में मिले सिलिका के भंडार, रोवर बताएंगे किस प्रकार की सामग्री है मौजूद

न्यूयॉर्क, प्रेट्र। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर के डाटा का अध्ययन कर शोधकर्ताओं ने लाल ग्रह के एक क्रेटर में हाइड्रेटेड सिलिका के भंडार खोजे हैं, जो जीवन के रासायनिक संकेतों को संरक्षित करने के लिए एक अच्छा खनिज माना जाता है। इस क्रेटर में नासा अगले साल एक रोवर लैंड करने की योजना भी बना रही है। जियोफिजिकल रिसर्च लेटर नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि जाजीरो नामक इस क्रेटर में कई ऐसी सामग्रियां हैं जिन्हें सदियों पहले में नदियां अपने साथ बहा कर लाई थीं और अपने डेल्टा के आसपास इन्हें छोड़ देती थीं।

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इस अध्ययन के शोधकर्ताओं में अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधार्थी भी शामिल थे। शोधकर्ताओं ने कॉम्पैक्ट रिकॉनिसेंस इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (सीआरआइएस) का इस्तेमाल कर इस क्रेटर में मौजूद सिलिका का विश्लेषण किया। शोधार्थियों ने कहा कि लाल ग्रह के इन डेल्टाओं में भी पृथ्वी की तरह ही ऐसी कई सामग्रियां हैं, जो जीवन संभावना के लिए एक महत्वूपर्ण संकेत हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, मंगल के जाजीरो क्रेटर में हाइड्रेटेड सिलिका मिलने से जीवन के रासायनिक संकतों के संरक्षण की क्षमता बढ़ गई है। उन्होंने कहा, ‘उन्हें यहां एक ऐसा सिलिका का भंडार भी मिला है जो कम ऊंचाई पर डेल्टा के किनारे है।’

डबल बोनस जैसी कामयाबी

ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह-लेखक जैक मस्टर्ड ने कहा, ‘जिस सामग्री से डेल्टा की सबसे निचली परत का निर्माण होता है, कभी-कभी उसमें सबसे ज्यादा जैविक संकेतक भी मिलते हैं। इसलिए यदि आप उस सामग्री की निचली परत को खोज लेते हैं और उसमें बहुत अधिक मात्रा में सिलिका मौजूद है तो यह डबल बोनस जैसा है।’ अध्ययन ने बताया गया है कि इस क्षेत्र में अन्य कई खनिजों की खोज भी हो सकती है।

नहीं हुआ भूगर्भिक बदलाव

शोधकर्ताओं ने कहा ‘ज्वालामुखी और भूगर्भिक प्लेटों के खिसकने से यह भी संभव था कि जाजीरो के खनिज नदियों के तलछट में दबने की बजाय ऊपर की ओर आ सकते थे और यह भी हो सकता था कि यह क्रेटर ही बदल जाता। लेकिन अध्ययन में ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई। ऐसी स्थिति में रोवर के पास ऐसी क्षमता होने चाहिए कि वह वास्तविक स्नोतों का पता लगा सके।

रोवर बताएंगे कैसी साम्रग्री मौजूद है

ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और इस अध्ययन के सह-लेखक जेसी टरनस ने कहा, ‘हम ऑर्बिट से आश्चर्यजनक उच्च-रिजॉल्यूशन की इमेज और उसके आकार से संबंधित डाटा प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इन खनिजों के निर्माण के बारे में हम एक सीमा तक ही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा रोवर पर लगे उपकरणों के जरिये हम यह पता लगाने में सक्षम हुए है कि मंगल के क्रेटरों में किस प्रकार की सामग्री मौजूद है।

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