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NASA का मार्स हेलीकॉप्टर अपनी पहली उड़ान रविवार को भरेगा, जानें- क्यों खास है ये मिशन

मार्स हेलिकॉप्टर एक उच्च जोखिम उच्च प्रौद्योगिकी का प्रमाण है। यदि इंजेंविनिटी को अपने 30-सोल (Martian day) मिशन के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ा तो यह NASA के दृढ़ता मंगल रोवर मिशन की विज्ञान सभा को प्रभावित नहीं करेगा।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 08:32 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 08:32 AM (IST)
NASA का मार्स हेलीकॉप्टर अपनी पहली उड़ान रविवार को भरेगा, जानें- क्यों खास है ये मिशन
NASA का मार्स हेलीकॉप्टर अपनी पहली उड़ान रविवार को भरेगा

वाशिंगटन, एएनआइ। नासा का इंजेंविनिटी मार्स हेलीकॉप्टर इतिहास रचने में सिर्फ दो दिन दूर है। पहला मौका होगा जब दूसरे ग्रह पर एक विमान के संचालन, नियंत्रित उड़ान में मानवता को कामयाबी मिलने वाली है। यदि सब योजना के अनुसार होता है, तो 4-पाउंड (1.8-किग्रा) रोटरक्राफ्ट रविवार को दोपहर 12:30 बजे (मंगल स्थानीय समय) मंगल के जेजेरो क्रेटर से उड़ान भरेगा। बताया गया कि ये 30 सेकंड तक सतह से 10 फीट (3 मीटर) ऊपर चलेगा।

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दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के मिशन कंट्रोल विशेषज्ञों को उम्मीद है कि अगले दिन सुबह 4:15 बजे ईडीटी (1:15 बजे पीडीटी) से पहली उड़ान का प्रयास किया जाएगा। नासा टीवी टीम के लाइव कवरेज को प्रसारित करेगा।  ये फ्लाइट सुबह 3:30 EDT (अमेरिका के स्‍थानीय समयानुसार) या 12:30 PDT (पेसेफिक डेलाइट टाइम) पर होगी।

नासा इस हेलीकॉप्‍टर की टेस्ट फ्लाइट के लिए पूरी तरह से तैयार है। नासा ने इसके रोटर को घुमाकर भी चेक किया है। ये बिल्‍कुल सही से काम कर रहा है। नासा ने एक ट्वीट के जरिए ये जानकारी दी है। रोवर परसिवरेंस की तरफ से किए गए इस ट्वीट में कहा गया है कि मेरे पास इस फ्लाइट को देखने और निगाह बनाए रखने के लिए जूमिंग कैमरे होंगे। आप हेलीकॉप्‍टर इंजेंविनिटी को मेरे नेविगेशन कैमरों से देख सकते हैं।

मार्स हेलिकॉप्टर एक उच्च जोखिम, उच्च प्रौद्योगिकी का प्रमाण है। यदि इंजेंविनिटी को अपने 30-सोल (Martian day) मिशन के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, तो यह NASA के दृढ़ता मंगल रोवर मिशन की विज्ञान सभा को प्रभावित नहीं करेगा। 

क्यों है खास?

बता दें कि आज तक दुनिय में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है कि पृथ्वी के अलावा किसी और ग्रह पर हेलिकॉप्टर उड़ा हो। वहीं, मंगल की सतह से उड़ने का मतलब है कि पृथ्वी पर 30,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे हों। यह ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। 

वहीं, बता दें कि इस पथरीले ग्रह की सतह पर हेलीकॉप्‍टर इंजेंविनिटी करीब 30 दिनों तक उड़ान भरकर यहां की जानकारियां जुटाएगा। ये तीस दिन मंगल ग्रह के हिसाब से होंगे। फ्लाइट के दौरान इंजेंविनिटी को मार्स रोवर का पूरा सपोर्ट भी मिलता रहेगा। ये इमेज क्लिक करने से लेकर वहां के वातावरण से डाटा एकत्रित करने का भी काम करेगा और इससे जुटाई गई जानकारी को नासा के कंट्रोल रूम में भेजेगा।


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