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चंद्रमा पर जाने के लिए तैयार है NASA को पहला मानवरहित ओरियन क्रू कैप्सूल

दुनियाभर में हजारों लोगों ने चंद्रमा पर कदम रखने की 50वीं सालगिरह मनाई। इसी के साथ नासा ने पहला मानवरहित ओरियन क्रू कैप्सूल के चंद्रमा पर जाने की घोषणा की।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 12:10 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 12:10 PM (IST)
चंद्रमा पर जाने के लिए तैयार है NASA को पहला मानवरहित ओरियन क्रू कैप्सूल
चंद्रमा पर जाने के लिए तैयार है NASA को पहला मानवरहित ओरियन क्रू कैप्सूल

लंदन, आइएएनएस। दुनियाभर में हजारों लोगों ने बीते शनिवार को चंद्रमा पर कदम रखने (लैंडिंग) की 50वीं सालगिरह मनाई । अपोलो 11 का ईगल मॉड्यूल 20 जुलाई 1969 को ट्रैंक्विलिटी बेस पर उतरा था। इसके कुछ ही घंटों के बाद नील आर्मस्ट्रॉग ने चंद्रमा पर चहलकदमी कर इतिहास रचा था। वास्तविकता में यह मिशन सोवियत संघ से अमेरिका के शीत युद्ध से प्रेरित विश्व के खगोलविदों के लिए यादगार क्षण बन गया है।

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एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसकी 50वीं वर्षगांठ मनाते हुए लांचिंग की फुटेज को ऑनलाइन चलाकर नई पीढ़ी को वह ऐतिहासिक दृश्य देखने का मौका दिया, जिसे 50 साल पहले लगभग 50 करोड़ लोगों ने देखा था। इसी के साथ नासा ने अपना पहला मानवरहित ओरियन क्रू कैप्सूल के चंद्रमा पर जाने की घोषणा की। 

अंतरिक्ष यान के चांद पर उतरते ही अपोलो 11 के कमांडर आर्मस्ट्रॉग ने कहा था कि ह्यूस्टन, ट्रैंक्विलिटी बेस यहां है। ईगल उतर गया है। कैप्सूल कम्युनिकेटर चार्ली ड्यूक ने उन्हें ह्यूस्टन स्थित मिशन कंट्रोल से जवाब दिया था कि रोजर, ट्रैंक्विलिटी, हम जमीन से तुम्हें कॉपी करते हैं। आपके पास ऐसे लोगों का समूह है जो नीले पड़ने वाले हैं। हम फिर से सांस ले रहे हैं। इसके कुछ घंटों के बाद जब उन्होंने पहली बार चंद्रमा की सतह पर कदम रखा तो उन्होंने कहा कि यह एक आदमी के लिए यह छोटा कदम है, लेकिन मानवता के लिए एक लंबी छलांग है। उनके बाद विमान में उनके साथी बज एल्डिन और माइकल कॉलिंस भी चांद पर उतर आए। चंद्रमा पर उतरने वाले दूसरे व्यक्ति एल्डिन ने ट्वीट कर कहा कि हम चांद पर उस समय उतरे जब 25 करोड़ अमेरिकी पीछे से हमें देख रहे थे। यह मिशन उन सबका और अमेरिका की भविष्य की पीढ़ी का है, जो चंद्रमा पर एक बार फिर पहुंचना चाहती है।

बता दें कि नील आर्मस्ट्रांग के साथ चंद्रमा पर गए क्रू के अन्य सदस्य एल्डिन और माइकल कॉलिंस 1930 में ही पैदा हुए थे। इनमें से नील आर्मस्ट्रांग की 82 वर्ष की उम्र में 25 अगस्त 2012 को मृत्यु हो गई थी, जबकि उनके दो अन्य साथी अभी भी अंतरिक्ष यात्रियों का हौसला बढ़ा रहे हैं।

दुनियाभर में मनाया गया समारोह, 20 जुलाई 1969 को ट्रैंक्विलिटी बेस पर उतरा था अपोलो 11 का ईगल मॉड्यूल, नासा ने लांचिंग की फुटेज को किया ऑनलाइन एक प्रदर्शनी में अपोलो मिशन से जुड़ी सामग्री देखने पहुंचे लोग। 

मिशन के ऐतिहासिक वीडियो रिकॉर्ड हुए नीलाम

20 जुलाई वर्ष 1969 में पहली बार अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने सबसे पहले चंद्रमा की सहत पर कदम रखा था। इस अभूतपूर्व क्षण की वास्तविक वीडियो रिकॉर्डिग को मिशन के ठीक 50 साल बाद न्यूयॉर्क में कार्यक्रम के दौरान नीलाम कर दिया गया है, जिसकी कीमत 1.82 मिलियन डॉलर (लगभग 18.2 लाख रुपये) बताई जा रही है। इस वीडियो में सबसे पहले मिशन के कमांडर नील आर्मस्ट्रांग अपोलो लूनर मॉड्यूल ईगल उतर कर चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी करते नजर आते हैं। उनके बाद क्रू के सदस्य बज एल्डिन दूसरे व्यक्ति थे जिन्होंने चांद पर कदम रखा था। ईएफई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मनुष्य की चंद्रमा पर चहलकदमी के तीनों ऐतिहासिक वीडियो रिकॉर्ड 18.2 लाख रुपये में बिक गए हैं।

‘ओरियन क्रू’ उड़ान को तैयार

नासा का पहला मानवरहित ओरियन क्रू कैप्सूल चंद्रमा पर जाने के लिए तैयार है। ‘अपोलो 11’ की चांद पर लैंडिंग की 50वीं सालगिरह पर अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने यह घोषणा की। फ्लोरिडा स्थित नासा के कनैडी स्पेस सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि धन्यवाद, नासा और अमेरिकी उद्योगों में काम करने वाले लोगों की मेहनत रंग लाई। आर्टिमिस-1 मिशन के लिए ओरियन क्रू यान पूरी तरह तैयार है और इसकी पहली ऐतिहासिक उड़ान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। नासा ने इस कार्यक्रम का नाम ‘आर्टिमिस’ रखा है।


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