Parker Solar Probe: सूर्य से 300 गुना गर्म उसके वातावरण का रहस्य सुलझाएगा यह मिशन
सूर्य की सतह से उसका वातावरण कारोना लगभग 300 गुना ज्यादा गर्म है। ऐसा क्यों है... इसका पता लगाने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी नासा का यान सूर्य के सबसे नजदीक पहुंच रहा है।
वाशिंगटन (एजेंसी)। अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक और इतिहास रचने जा रही है। इसका कार के आकार का अंतरिक्ष यान 'पार्कर सोलर प्रोब' सूर्य की कक्षा में अपनी प्रस्तावित 24 कक्षाओं की यात्रा का पहला चक्कर पूरा करने के बाद दूसरे चरण में प्रवेश करने वाला है। उम्मीद है कि यह यान आज ही सूर्य के काफी नजदीक पहुंच जाएगा। यह यान अपने दूसरे चक्कर के दौरान सूर्य से मात्र 15 मिलियन की दूरी पर पहुंच जाएगा। आइये जानते हैं इसके सफर से जुड़ी कुछ रोचक बातें...
पहली बार सूर्य से मात्र 15 मिलियन मील दूर होगा कोई मानवनिर्मित यान
ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब कोई मानव निर्मित यान सूर्य से मात्र 15 मिलियन मील (15,000,000 मील) की दूरी पर होगा। इससे पहले साल 1976 में अंतरिक्ष यान हेलिओस-2 सूर्य से 27 लाख मील की दूरी पहुंचा था। 'पार्कर सोलर प्रोब' साल 2024 में अपनी यात्रा के अंतिम चरण में होगा। तब यह सूर्य की सतह से महज 3.8 मिलियन मील (38,00,000 मील) दूर होगा और जलकर नष्ट हो जाएगा।
1,300 डिग्री सेल्सियस तापमान का करेगा सामना
सूर्य के काफी करीब से गुजरने के दौरान 'पार्कर सोलर प्रोब' करीब 1,300 डिग्री सेल्सियस तापमान का समना करेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी को उम्मीद है कि इस दौरान यह अपने भीतर 29°C (84°F) के तापमान को कायम रख पाएगा। यह सूर्य के सर्वाधिक गर्म वातावरण से जुड़े आंकाड़ों को उपलब्ध कराएगा। इससे पहले किसी भी अंतरिक्षयान ने इतना ताप और इतने प्रकाश का सामना नहीं किया है।
213,200 मील प्रति घंटे होगी स्पीड
नासा ने अगस्त 2018 में 'पार्कर सोलर प्रोब' को लॉन्च किया था। इस यान ने पिछले साल नवंबर में सूर्य की कक्षा में प्रवेश किया था। वैज्ञानिकों के मुताबिक, 'पार्कर सोलर प्रोब' अपनी यात्रा के दूसरे चरण में लगभग 213,200 मील प्रति घंटे की सर्वाधिक गति तक पहुंच जाएगा। यह रफ्तार इतिहास में किसी भी मानव निर्मित सोलर यान की गति से ज्यादा होगा।
अत्यधिक तापमान से बचाने के लिए नासा ने किए हैं कई उपाय
'पार्कर सोलर प्रोब' को सूर्य के भीषण तापमान से बचाने के लिए नासा ने कई उपाय किए हैं। इसको 'थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम' से लैस किया गया है। यह इसको सौर ऊर्जा के प्रभाव से नष्ट नहीं होने देगा। इसमें एक कूलिंग सिस्टम भी लगा है जिसकी मदद से यह अपने सोलर पैनल को नष्ट होने से बचाएगा और भीतरी तापमान को 29°C (84°F) बनाए रख पाएगा।
सूर्य से जुड़े अनसुलझे सवालों को जानने में मिलेगी मदद
दरअसल, 'पार्कर सोलर प्रोब' को भेजने का उद्देश्य सूर्य के सबसे नजदीकी वातावरण, उसके स्वभाव और उसकी कार्यप्रणाली को समझना है। इसके लिए यह अपने साथ विभिन्न उपकरणों को लेकर गया है। यह यान सूर्य और आसपास के वातावरण का अध्ययन करेगा। यह जो आंकड़े भेजेगा उससे वैज्ञानिकों को सूर्य से जुड़े अनसुलझे सवालों के जवाब जानने में मदद मिलेगी। सूर्य का वातावरण कारोना उसकी सतह से 300 गुना ज्यादा गर्म क्यों है... वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब भी मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
सुलझ सकता है सौर कणों कणों के उत्सर्जन का रहस्य
सूर्य एक ऐसा तारा है जो प्रकाश, विकिरण, लहरों, ऊर्जा के साथ साथ सौर पदार्थ और सौर कणों को भी उत्सर्जित करता है। अंतरिक्ष में ये सौर पदार्थ और कण काफी तेजी से फैलते हैं। इनसे पृथ्वी पर इलेक्ट्रॉनिक्स, जीपीएस एवं अन्य उपग्रह आधारित सेवाएं प्रभावित होती हैं। अब तक इनसे जुड़ा रहस्य अनसुलझा रहा है। 'पार्कर सोलर प्रोब' के आंकड़ों से इस रहस्य के भी सुलझने की उम्मीदें की जा रही है।