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जो बाइडन की जीत का समर्थन करने वाले सांसदों को मिल रही जान से मारने की धमकी

राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित हुए बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के लिए गत छह जनवरी को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया गया था। इसी दौरान ट्रंप समर्थकों ने संसद परिसर पर हमला कर दिया था। मामला शांत होने के बाद बाइडन की जीत की औपचारिकता पूरी की गई थी।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 04:44 PM (IST)
जो बाइडन की जीत का समर्थन करने वाले सांसदों को मिल रही जान से मारने की धमकी
अमेरिका में भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना

 वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका में भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना ने बताया कि जो बाइडन की जीत को प्रमाणित करने के प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सांसदों को जान से मारने की धमकी मिल रही है। अमेरिका में गत तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित हुए बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के लिए गत छह जनवरी को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया गया था। इसी दौरान ट्रंप समर्थकों ने संसद परिसर पर हमला कर दिया था। मामला शांत होने के बाद बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की औपचारिकता पूरी की गई थी।

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खन्ना ने मंगलवार को सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों सांसदों को धमकियां मिल रही हैं। हिंसा का खतरा सिर्फ डेमोक्रेट नेताओं को ही नहीं है, बल्कि यह खतरा रिपब्लिकन नेताओं को भी है।' कैलिफोर्निया से डेमोक्रेट सांसद खन्ना ने कहा, 'मैं यह नहीं बताना चाहता कि धमकियों किन लेागों को मिली हैं।'

संसद हमले में शुरू हुई 160 जांचें

अमेरिकी संसद पर गत छह जनवरी को हुए हमले के मामले की जांच में तेजी आग गई है। एफबीआइ ने 160 से ज्यादा जांच शुरू की है। इस कानून प्रवर्तन एजेंसी के वाशिंगटन मामलों के सहायक निदेशक स्टीवेन एम डीएंटुनो ने बताया कि एजेंसी को हमले से जुड़े दस हजार से ज्यादा डिजिटल मीडिया कंटेंट मिले हैं। इधर, अधिकारियों ने बताया कि हमले में शामिल रहे ट्रंप के कुछ वफादार समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप लगाने पर विचार किया जा रहा है।

शीर्ष जनरलों ने सैनिकों को लिखा पत्र

अमेरिकी सेना के शीर्ष जनरलों ने एक संयुक्त पत्र जारी कर सभी सैनिकों को संविधान की रक्षा करने के कर्तव्यों की याद दिलाई। साथ ही यह भी कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी से किसी को हिंसा का अधिकार नहीं मिलता। एक पेज का यह पत्र मंगलवार को जारी किया गया। इस पर अमेरिका के सबसे वरिष्ठ जनरल मार्क मिली समेत सभी ज्वाइंट चीफ स्टाफ के हस्ताक्षर हैं।


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