अमेरिका में अजब वाकया, मर चुके लोगों के नाम जारी कर दिए गए दस हजार करोड़ रुपये
सरकारी जवाबदेही कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 1.4 अरब डॉलर यानी दस हजार करोड़ रुपये से अधिक की रकम मृत लोगों के नाम जारी कर दी गई है।
वाशिंगटन [द न्यूयार्क टाइम्स]। अमेरिकी संसद के एक निगरानी विभाग ने गुरुवार को कोरोना वायरस से उपजी महामारी से लड़ने के मामले में केंद्रीय प्रशासन की तीखी आलोचना की। विभाग के मुताबिक इस बीमारी पर नियंत्रण और रोकथाम से जुड़े केंद्र कोरोना टेस्ट की गलत तरीके से गणना कर रहे हैं और 1.4 अरब डॉलर (दस हजार करोड़ रुपये से अधिक) की रकम मृत लोगों के नाम जारी कर दी गई है।
सरकारी जवाबदेही कार्यालय ने 403 पेज की एक जांच रिपोर्ट पेश की है। यह जांच केयर्स एक्ट यानी दो लाख करोड़ डॉलर (लगभग 150 लाख करोड़ रुपये) की आपात सहायता संबंधी कानून के तहत कराई गई। इससे संबंधित बिल को मार्च में कांग्रेस ने पारित किया था। आडिटर्स के मुताबिक अब तक इस कानून के तहत 643 अरब डॉलर (लगभग 48 लाख करोड़ रुपये) की राशि खर्च की जा चुकी है।
जवाबदेही कार्यालय की रिपोर्ट महामारी से निपटने के लिए पहले छह महीने के कार्यों की समीक्षा है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि संघीय सरकार की कोरोना के प्रति प्रतिक्रिया धीमी, बेतरतीब और अपर्याप्त थी। यह प्रतिक्रिया लोगों को बचाने के लिहाज से सही नहीं थी। यह हाल तब रहा जब वर्षों से यह चेतावनी दी जाती रही है कि अमेरिका में कोई भी महामारी किसी भी समय फैल सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को सहायता के लिए चार महीने तक इंतजार करना पड़ा। 30 अप्रैल तक मदद के नाम पर लगभग 11 लाख पेमेंट किए गए। इसके तहत एक बड़ी राशि मृत लोगों के नाम जारी कर दी गई।
जवाबदेही कार्यालय के अनुसार अमेरिका में कर संग्रह पर निगाह रखने वाली संघीय एजेंसी (आइआरएस यानी इंटरनल रेवेन्यू सर्विस) का कहना है कि उसके पास किसी ऐसे व्यक्ति के लिए पेमेंट रोकने का कानूनी अधिकार नहीं है जिसने 2019 के लिए टैक्स जमा किया हो-भले ही ऐसे लोग इस दुनिया से गुजर गए हों। विभाग ने सुझाव दिया है कि कांग्रेस वित्त मंत्रालय को पूरे देश के डेथ रिकार्ड जांचने का अधिकार दे ताकि भविष्य में ऐसे लोगों के नाम भुगतान जारी न हों जो अब इस दुनिया में न हों।