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Monkeypox Virus: अमेरिका में मंकीपाक्स का एक और मामला! अब तक 12 देशों में फैला वायरस

Monkeypox Virus अमेरिका में मंकीपाक्स के दो मामले मिल चुके हैं। तीसरा मामला मिलने की आशंका जताई जा रही है। एक संदिग्ध व्यक्ति का परीक्षण जारी है जो फ्लोरिडा का रहने वाला है। मंकीपाक्स कई देशों में दस्तक दे चुका है।

By Achyut KumarEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 08:43 AM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 09:16 AM (IST)
Monkeypox Virus: अमेरिका में मंकीपाक्स का एक और मामला! अब तक 12 देशों में फैला वायरस
अमेरिका में मंकीपाक्स का मिल सकता है तीसरा मामला (फाइल फोटो)

अटलांटा, रायटर्स। मेरिका में मंकीपाक्स वायरस का एक और मामला सामने आया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिका में मंकीपाक्स वायरस का तीसरा मामला मिल सकता है। इसकी पुष्टि करने के लिए दक्षिण फ्लोरिडा में एक मरीज पर परीक्षण चल रहा है कि क्या वह व्यक्ति मंकीपाक्स से प्रभावित है कि नहीं। मंकीपाक्स कई देशों में तेजी से फैल रहा है।

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अमेरिका रोग नियंत्रण केंद्र और फ्लोरिडा के स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को एक बयान में कहा कि मंकीपाक्स का मामला ब्रोवार्ड काउंटी, फ्लोरिया से संबंधित है। व्यक्ति को आइसोलेट कर दिया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीडीसी द्वारा किए गए परीक्षणों के परिणाम जल्द ही आने की उम्मीद है। राज्य में इसके अलावा किसी अन्य मामले की पहचान नहीं हुई है।

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने संक्रमण पर काबू करने के लिए कमर कस ली है। जल्द ही दिशानिर्देश जारी करने की तैयारी की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के एक वरिष्ठ सलाहकार ने आशंका जताई कि संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो सकती है। सतर्क रहने की जरूरत है। यह बीमारी निकट संपर्क से फैलती है, इसलिए संक्रमित की पहचान होने के बाद इसके प्रसार को रोकना कठिन नहीं है। हालात की गंभीरता को देखते हुए डब्ल्यूएचओ की आपात बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में विशेषज्ञों के साथ इस विषय पर मंथन किया गया। इस बीच कुछ देशों ने मंकीपाक्स के मरीजों का इलाज करने वाली टीमों का टीकाकरण शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि चेचक का टीका मंकीपाक्स पर 85 प्रतिशत तक कारगर है।

मंकीपाक्स को लेकर घबराने की जरूरत नहीं : विशेषज्ञ

यूरोप में मंकीपाक्स के मामले बढ़ रहे हैं। इस बीच संक्रामक रोग विशेषज्ञ डा. ईश्वर गिलाडा ने शनिवार को कहा कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। इससे पहले केंद्र ने शुक्रवार को नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) को अलर्ट जारी कर विदेश में मंकीपाक्स के मामलों के संबंध में स्थिति पर पैनी नजर रखने को कहा । संक्रामक रोग विशेषज्ञ डा.ईश्वर गिलाडा ने कहा, इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। हमें यह अध्ययन करने की जरूरत है कि यह कैसे विकसित हो रहा है। कितने लोग प्रभावित हो रहे हैं। इस समय हम नहीं जानते कि इस बीमारी से वास्तव में कितने लोग मर रहे हैं। हम इसका उपचार नहीं जानते हैं । शायद चेचक के टीके को उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।


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