आगामी वार्ता का टोन सेट किया मोदी-ट्रंप ने, द्विपक्षीय वार्ता पर टिकी दुनिया भर की नजरें
हाउडी मोदी कार्यक्रम में अमेरिका और भारत ने आपसी मतभेदों को दरकिनार करते हुए यह दिखा दिया है कि इनके बीच कितनी समानताएं हैं।
आशुतोष झा, न्यूयार्क। जैसा माहौल ह्यूस्टन का था वैसा ही न्यूयार्क का है। 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम ने जिस तरह की असर कूटनीतिक सर्किल में और अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के बीच छोड़ा है उसकी बानगी लॉटे एनवाई पैलेस होटेल में भी देखी जा सकती है। पीएम नरेंद्र मोदी इसी होटल में अगले पांच दिनों तक रहेंगे। उनके इस होटल में पहुंचने से पहले से ही इस होटल में प्रवासी भारतीयों का जमावड़ा लगना शुरु हो गया था।
होटल के कर्मचारियों के लिए दुनिया के दिग्गज राष्ट्र प्रमुखों की आगवानी करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन किसी देश के प्रमुख के लिए ऐसी दीवानगी वह पहली बार देख रहे थे। यहां कश्मीरी पंडितों का एक बड़ा जत्था जोर-जोर से नारे लगा रहा था, 'माइजी काशीर, सायीन काशीर' (मां कश्मीर, मेरा कश्मीर)। ह्यूस्टन में मोदी ने भारतीय कूटनीति का जो नया चेहरा पेश किया है उसे देखते हुए उनके अगले पांच दिनों के न्यूयार्क कार्यक्रम पर भी दुनिया भर की नजरें टिकी रहेंगी।
न्यूयार्क से प्रकाशित होने वाले सभी प्रमुख समाचार पत्रों ने मोदी और ट्रंप की हाउडी रैली की फोटो को पहले पन्ने पर जगह दी है। अमेरिका के कूटनीतिक विशेषज्ञ स्वीकार कर रहे हैं कि यह भारत और अमेरिका के रिश्तों को प्रगाढ़ करने की दिशा में एक अहम घटना के तौर पर जाना जाएगा। एशिया प्रशांत मामलों के जाने माने विशेषज्ञ डेरेक जे ग्रोसमैन के मुताबिक, 'अमेरिका और भारत ने आपसी मतभेदों को दरकिनार करते हुए यह दिखा दिया है कि इनके बीच कितनी समानताएं हैं। इस तरह का 'हाउडी, शी' कार्यक्रम नहीं किया जा सकता।'
अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिणी व केंद्रीय एशिया विभाग के उप सचिव एलिस जी वेल्स ने ट्वीट किया कि हाउडी मोदी एक तरह से बड़ी भीड़, बड़े विचारों और दूरदर्शी नेतृत्व को प्रदर्शित करने वाला कार्यक्रम रहा। भारतीय समुदाय की ताकत बेजोड़ है। मैं न्यूयार्क में रह कर भी ह्यूस्टन में हो रहे कार्यक्रम में उनकी आवाज सुन सकती हूं।'
अमेरिकी राजनीति में अपनी पहचान बना चुकी भारतीय मूल की नेत्री व संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व प्रतिनिधि निक्की हेली ने भी हाउडी मोदी को दोनों देशों के बीच बढ़ रही परिपक्व साझेदारी के तौर पर चिन्हित किया।
बहरहाल, मोदी न्यूयार्क में अपने पहले दिन की शुरुआत पांच द्विपक्षीय बैठकों के साथ कर चुके हैं। इसमें कतर के शेख तामिम बिन हमद अल थानी, नाइजर के प्रेसिडेंट महमादोउ इशोउफू, इटली के पीएम गुएसेपे कांटे, नामिबिया प्रेसिेंडट हेग गीनगोब और मालदीव के प्रेसिडेंट इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के साथ बैठक है। इसके अलावा भी मोदी संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आयोजित दो अहम बैठकों में शिरकत करेंगे, लेकिन जिस बैठक पर सभी लोगों की नजर टिकी है वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी आगामी बुधवार को होने वाली द्विपक्षीय बैठक है।
ह्यूस्टन की रैली को संबोधित करते हुए दोनों नेताओं की इस बैठक का टोन तो वैसे पहले ही सेट कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बात के संकेत दिए कि अमेरिकी पक्ष चाहता है कि भारत जल्दी से कुछ बड़े रक्षा सौदों पर मुहर लगाये। दूसरी तरफ मोदी ने ह्यूस्टन सभा में कारोबारी समझौतों को लेकर दोनों पक्षों में जबरदस्त बातचीत होने की बात कही है।
ट्रंप ने हाउडी मोदी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि दोनों देशों के बीच कई अहम रक्षा सौदों पर बात हो रही है जिस पर जल्द ही सहमति बनने के आसार है। मोदी ने अपने भाषण में कहा कि कारोबारी मुद्दों पर हम जल्द ही बात करेंगे। मुझे मालूम है कि राष्ट्रपति ट्रंप बहुत बड़े वार्ताकार हैं और मैं भी उनसे सीखने की कोशिश कर रहा हूं।