ईरान की हथियार खरीद को रोकेगा अमेरिका, प्रतिबंध जारी रखने को सुरक्षा परिषद में लाएगा प्रस्ताव
अमेरिका ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की रोक हटने के बाद भी वह ईरान को हथियार नहीं खरीदने देगा। उसने कहा है कि वह प्रतिबंधों को लागू करने की हर संभव कोशिश करेगी।
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि संयुक्त राष्ट्र (United Nation) की रोक हटने के बाद भी वह ईरान को विदेश से हथियार नहीं खरीदने देगा। वह हथियारों के सौदे रोकने की हर संभव कोशिश करेगा। ईरान के परंपरागत हथियार खरीदने पर लगी संयुक्त राष्ट्र की रोक अक्टूबर महीने में खत्म हो रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Mike Pompeo) ने कहा, हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के जरिये ईरान पर हथियारों की खरीद के लिए लगा प्रतिबंध बढ़वाने की कोशिश करेंगे।
इस प्रतिबंध को लागू रखने के लिए अमेरिका हर संभव प्रयास करेगा। ईरान के साथ अमेरिका समेत दुनिया के शक्तिशाली देशों के परमाणु समझौते से अमेरिका 2018 में अलग हो गया था। अमेरिका का आरोप था कि ईरान परमाणु समझौते के बावजूद गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश जारी रखे हुए है। इस समझौते के तहत ईरान को आर्थिक प्रतिबंधों से तो मुक्ति मिल गई थी लेकिन हथियारों की खरीद को लेकर अक्टूबर 2020 के बाद छूट मिलनी है। लेकिन अमेरिका ने प्रतिबंध खत्म होने से पहले ही इसे जारी रखने के लिए प्रयास करने की बात कह दी है।
अमेरिका ने इस बाबत तैयार प्रस्ताव ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी को देकर उनसे समर्थन की दरकार की है। ये तीनों देश भी ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते में शामिल थे। प्रस्ताव का मसौदा रूस और चीन को नहीं दिया गया है, जो 2015 के परमाणु समझौते में भी शामिल थे। माना जा रहा है कि ईरान पर प्रतिबंध जारी रहने के किसी भी प्रस्ताव का सुरक्षा परिषद में रूस और चीन विरोध करेंगे, उसे वीटो का इस्तेमाल कर निष्प्रभावी कर सकते हैं। दोनों ही देश अमेरिका विरोधी ईरान को हथियार बेचना चाहते हैं।