एआइ तकनीक मोटी किताबें पढ़कर देगी आपके सवालों के सटीक जवाब
माइक्रोसॉफ्ट के वैज्ञानिकों ने नई तकनीक तैयार की है। इससे कई मुश्किल कामों को करने में मदद मिलेगी।
सैन फ्रांसिस्को (आइएएनएस)। कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ)) के क्षेत्र में वैज्ञानिक निरंतर तरक्की कर रहे हैं। रोबोट में इसका प्रयोग कर उसे मानव की तरह बनाने का प्रयास पहले ही शुरू हो चुका है, अब इस क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने एक और उपलब्धि हासिल की है।
दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट के वैज्ञानिकों ने एआइ का प्रयोग ऐसी तकनीक विकसित करने में किया है, जिसके जरिए यह किताबों (खास तौर पर ई-फॉर्मेट वालीं), मैनुअल, दस्तावेज आदि को न केवल पढ़ने में सक्षम हो गई है, बल्कि उसके आधार पर मनुष्य द्वारा पूछे जाने वाले सवालों का जवाब भी दे सकती है और वो भी मानव की तरह सटीक।
माइक्रोसॉफ्ट के वरिष्ठ लेखक एलिसन लिन ने ब्लॉग के जरिए जानकारी दी कि एआइ के क्षेत्र में यह तकनीक एक मील का पत्थर साबित होगी। इसके जरिए बिंग जैसे सर्च इंजन लोगों से न केवल संपर्क कर सकेंगे, बल्कि और बेहतर व प्राकृतिक तरीके से सूचनाएं उपलब्ध करवा सकेंगे।
माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च एशिया की टीम ने इस तकनीक को विकसित करने के लिए स्टैनफोर्ड क्वेश्चन आनर्संरग डाटासेट का प्रयोग किया, जिसे एसक्वाड (एसक्यूयूएडी) के रूप में जाना जाता है। दरअसल, यह एक मशीन पढ़ने की समझ रखने वाला डाटा सेट है, जो विकिपीडिया के लेखों के सवालों के आधार पर तैयार किया गया है।
माइक्रोसॉफ्ट के इस मॉडल ने एसक्वाड लीडरबोर्ड पर सटीक मैच के मामले में 82.650 का स्कोर किया। प्रश्नों के इसी सेट में मानव द्वारा उत्तर देने पर यह स्कोर 82.304 दर्ज किया गया। इसके अलावा बीती पांच जनवरी को चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के शोधकर्ताओं ने भी अपना इसी तरह का प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया, जिसने 82.440 स्कोर किया था। एलिसन ने आगे बताया कि एसक्वाड लीडरबोर्ड पर दोनों कंपनियों के बीच पहले स्थान के लिए टाई हुआ।
इस तरह आएगी काम
वैज्ञानिकों का कहना है कि मशीन द्वारा पढ़ने की समझ रखने वाली यह तकनीक जल्द ही किताबों और दस्तावेज को पढ़कर लोगों को बहुत ही आसान तरीके से सूचनाएं देने में सक्षम होगी। इसके जरिए लोगों को बहुत से दस्तावेज जैसे कार मैनुअल आदि को पढ़ने की जरूरत नहीं होगी। लोग इस तकनीक के जरिए सवाल पूछेंगे और मैनुअल को पढ़कर यह तकनीक व्यक्ति के सवालों का जवाब देगी। इसके जरिए समय की बचत के साथ मेहनत भी कम लगेगी।
डॉक्टरों, वकीलों को मिलेगी मदद
इसके अलावा भी इस तकनीक का प्रयोग कई चीजों में किया जा सकेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह तकनीक डॉक्टरों और वकीलों के लिए भी खासकर फायदेमंद साबित होगी। अक्सर देखने को मिलता है कि डॉक्टर और वकील ढेर सारी किताबों और दस्तावेज में डूबे रहते हैं। अब यह तकनीक काफी हद तक उनका काम भी आसान कर देगी।
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