मिशेल फ्लॉरनॉय हो सकती हैं अमेरिका की पहली महिला रक्षा मंत्री, बाइडेन सरकार में मिल सकती है जिम्मेदारी
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार में मिशेल फ्लॉरनॉय को रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो वह देश के इतिहास में पहली महिला रक्षा मंत्री होंगी। प के कार्यकाल में पांच लोगों ने इस पद को संभाला।
वाशिंगटन, एपी। अमेरिका को पहली महिला उप- राष्ट्रपति के बाद अब पहली महिला रक्षा मंत्री भी मिल सकती है। देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार में मिशेल फ्लॉरनॉय को यह जिम्मेदारी मिल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यह पहली बार होगा कि कोई महिला अमेरिका की रक्षा मंत्री बनेगी।
बता दें कि निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में पांच लोग रक्षा मंत्री रहे। हाल ही में ट्रंप ने मार्क एस्पर को इस पद से हटा दिया था। राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केंद्र के निदेशक क्रिस्टोफर मिलर को अंतरिम रक्षा मंत्री बनाया गया है। ट्रंप और एस्पर के संबाध काफी समय से खराब चल रहे थे।
मिशेल फ्लॉरनॉय को अगर पेंटागन को संभालने की जिम्मेदारी मिलती है तो उन्हें बजट में कटौती को लेकर चुनौती का सामना करना पड़ेगा। साथ कोरोना वायरस वैक्सीन की वितरण में सेना की उचित भागीदारी पर भी ध्यान देना होगा।
अगर हिलेरी क्लिंटन 2016 में चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बनी होती तो फ्लॉरनॉय को यह जिम्मेदारी उसी समय मिल गई होती। बिडेन कैबिनेट में शामिल होने को लेकर उनका नाम प्रबल दावेदारों में चल रहा है। 59 की महिला पहले भी पेंटागन को अपनी सेवा दे चुकी हैं। वह 1990 में पहली बार इससे जुड़ी थीं और 2009 से 2012 तक डिफेंस फॉर पॉलिसी की अंडरसेक्रेट्री रहीं।
रक्षा मंत्री के दौड़ में कई अन्य लोग भी शामिल हैं। पूर्व होमलैंड सुरक्षा विभाग के प्रमुख जेह जॉनसन को एक समय तक इसका प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन फ्लॉरनॉय अमेरिकी विदेश और रक्षा नीति पर मुखर रही हैं, खासकर पिछले एक साल में। वह करीब अंतरराष्ट्रीय सहयोग की पक्षधर हैं।
इसी बीच क्रिस्टोफर मिलर ने कहा कि विदेशों में तैनात अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा है कि युद्ध समाप्त होने चाहिए युद्ध खत्म करने के लिए समझौता और साझेदारी की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका 2001 से अलकायदा के खिलाफ युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवादी समूह को हराने के कगार पर है।