अमेरिका-चीन के बीच विवाद की नई वजह बनी मेकांग नदी, चीनी दूतावास पर जासूसी के आरोप
टेक्सॉस के सांसद माइकल मैककॉल (Michael McCaul) ने आरोप लगाया है कि ह्यूस्टन स्थित चीनी दूतावास बायो मेडिकल रिसर्च चोरी करना चाहता था।
वाशिंगटन, एजेंसियां। मेकांग नदी अमेरिका और चीन के बीच तनाव की नई वजह बनती दिखाई दे रही है। चीन ने नदी के ऊपरी हिस्से पर बांध बना लिए हैं जिससे नीचे बसे देशों पर तगड़ी मार पड़ी है। वहीं दूसरी ओर टेक्सॉस के सांसद माइकल मैककॉल (Michael McCaul) ने आरोप लगाया है कि ह्यूस्टन स्थित चीन के जिस दूतावास को बंद करने का आदेश दिया गया है, वह बीजिंग के लिए बायो मेडिकल रिसर्च चोरी करना चाहता था।
शोध चुराने की कोशिश में चीन
फॉक्स न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं आपको बायो मेडिकल रिसर्च चोरी किए जाने के मामले चीन द्वारा किए जा रहे प्रयास के बारे में बता सकता हूं। हमारे पास एमडी एंडरसन में तीन वैज्ञानिक थे, जिन्हें जासूसी के आरोपों के चलते निकाल दिया गया। सांसद ने कहा कि चीन सक्रिय रूप से कोरोना के लिए वैक्सीन चुराने की कोशिश कर रहा है।
मैककॉल ने चीन की मंशा बताई
मैककॉल ने कहा, 'टेक्सॉस मेडिकल सेंटर में वैक्सीन पर शोध चल रहा है। हम जानते हैं कि वे वैक्सीन चुराने की भरसक की कोशिश कर रहे हैं कि ताकि वह दुनिया में दावा कर सकें उन्होंने बहुत से लोगों को वायरस से बचाया है। जबकि वह इस वायरस के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं। सैन फ्रांसिस्को में इसी तरह से एक वैज्ञानिक वैक्सीन चुराने की कोशिश कर रहा था, लेकिन एफबीआइ ने समय रहते कार्रवाई कर दी। उन्होंने एफबीआइ की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कोई नई बात नहीं है कि वह दूसरों को शोध चुरा रहे हैं। चीन यह दशकों से करता आ रहा है।
विवाद की नई वजह बनी मेकांग नदी
मेकांग नदी अमेरिका और चीन के बीच तनाव की नई वजह बनती दिखाई दे रही है। पर्यावरणविदों और अधिकारियों के मुताबिक बीजिंग द्वारा नदी के ऊपरी हिस्से पर नियंत्रण के चलते नदी के डाउनस्ट्रीम में बसे देश ड्रैगन की कृपा पर निर्भर हो गए हैं। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने लोअर मेकांग में पर्यावरण और विकास कार्यक्रमों पर बड़े पैमाने पर धन खर्च किया है।
चीन ने बनाए 11 बांध
मौजूदा स्थिति यह है कि अमेरिका के हाथ से यह जल क्षेत्र निकलता जा रहा है। चीन द्वारा यहां 11 बांध बना लिए जाने के बाद अब यह बहस जोर पकड़ने लगी है कि क्या ये बांध नदी के डाउनस्ट्रीम में बसे राष्ट्रों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बांध बना लेने से लाओस, म्यांमार, थाइलैंड, कंबोडिया और वियतनाम जाने वाले पानी पर चीन का एकछत्र कब्जा हो गया है। मेकांग एनर्जी एंड इकोलॉजी नेटवर्क के विटून परमपोंगसचैरेन ने कहा कि दक्षिण चीन सागर की तरह यह एक यह एक जियोपॉलिटिकल मुद्दा बन गया है।