Move to Jagran APP

म्‍यांमार में सेना ने सड़कों पर बिछाई बारूदी सुरंगे, लाखों घर छोड़ कर भागे, यूएन विशेषज्ञ ने जताई चिंता

म्‍यांमार में हालात लगातार खराब हो रहे हैं। सेना ने सड़कों पर भी बारूदी सुरंगे बिछा दी हैं। लाखों लोग घर छोड़कर दूसरे ठिकानों पर भाग गए हैं। सेना ने इन लोगों की फूड सप्‍लाई चेन को भी काट दिया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 03:47 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 03:47 PM (IST)
म्‍यांमार में सेना ने सड़कों पर बिछाई बारूदी सुरंगे, लाखों घर छोड़ कर भागे, यूएन विशेषज्ञ ने जताई चिंता
म्‍यांमार के हालात हो रहे हैं बेहद खराब

न्‍यूयॉर्क (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ टॉम एंड्रयूज ने म्‍यांमार में सैन्‍य शासन द्वारा हो रहे नरसंहार को रोकने के लिए जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को जरूरी बताया है। उनके मुताबिक सेना की कार्रवाई से बचने के लिए काफी संख्‍या में म्‍यांमार के नागरिकों ने सीमा पर कर दूसरे देशों में शरण ले रखी है। वही कुछ ने जंगलों को अपना घर बनाया हुआ है। लेकिन वहां पर उन्‍हें हर तरह की जरूरी चीजों का अभाव है। इसकी वजह से उनके जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। उनका यहां तक कहना है कि सेना ने सार्वजनिक सड़कों पर बारुदी सुरंग तक बिछा रखी हैं। म्यांमार में काम कर रही यूएन टीम ने लोगों की मदद करने की अपील की है।

loksabha election banner

एंड्रयूज ने एक ट्वीट में म्‍यांमार के हालातों पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि जब से देश में सैन्‍य शासन लागू हुआ है तभी से लोगों के जीवन पर संकट आ खड़ा हुआ है। सेना से बचने के लिए लाखों लोगों को अपने घर से बेघर होना पड़ा है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि सेना ने ऐसे लोगों की फूड सप्‍लाई चेन को काट दिया है। ऐसे में भुखमरी की वजह से हजारों लोगों की मौत हो सकी है। इसको रोकने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कार्रवाई की जरूरत है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो बहुत बुरा होगा।

यूएन विशेषज्ञ ने अलर्ट के जरिए बताया है कि बड़ी तादाद में लोग पलायन कर रहे हैं। म्‍यांमार के काया, कैरेन, चिन और बागो शहर में भी लोगों का हाल बेहद खराब है। सेना लगातार निहत्‍थे लोगों को अपना निशाना बना रही है। लोगों को घरों से ही उठाकर ले जाया जा रहा है। उनको जबरन हिरासत में लेकर उन्‍हें टॉर्चर किया जा रहा है। ये ब नहीं रुका तो ये सामूहिक अत्याचार अपराधों के बराबर ही होगा। उन्‍होंने अपने संदेश में कहा है कि म्‍यांमार में लोगों के पास खाने-पीने की चीजों की लगातार कमी हो रही है। वहीं इन लोगों तक राहत पहुंचाने का काम भी बेहद मुश्किल हो गया है क्‍योंकि सेना इसबीच में बाधक बनी हुई है। म्‍यांमार के लोगों को चिकित्‍सीय सुविधा तक नहीं मिल पा रही है। गौरतलब है कि सेना ने 1 फरवरी को म्‍यांमार की लोकतांत्रिक सरकार का तख्‍ता पलट कर सत्‍ता अपने हाथों में ले ली थी। तब से ही यहां की सड़कों पर सेना और नागरिकों के बीच झड़पों का सिलसिला चल रहा है। सड़कों पर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सेाना इनको रोकने के लिए जमकर हथियारों का इस्‍तेमाल कर रही है। अब तक सेना के हाथों सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.