अफगानिस्तान में असुरक्षित हुए विदेशी नागरिक, अपने लोगों को निकालने में जुटे देश, US, UK, आस्ट्रेलिया और कनाडा भेज रहे सैनिक
कनाडा भी काबुल से अपने स्टाफ को निकालने के लिए एक विशेष बल भेजने जा रहा है जबकि आस्ट्रेलिया भी इसी तरह का कदम उठाने जा रहा है। वह आस्ट्रेलियाई सैनिकों की मदद करने वाले अफगान लोगों को सुरक्षित निकालने में अमेरिका की मदद करेगा।
वाशिंगटन, एजेंसी। अफगानिस्तान से अपने लोगों को सुरक्षित निकालने में अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे कई देश जुट गए हैं। वे अपने नागरिकों और राजनयिकों की सुरक्षित निकासी के लिए सैनिक भेज रहे हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रेस सचिव जान किर्वी ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'तीन हजार सैनिक काबुल एयरपोर्ट भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा मदद के लिए एक हजार सैनिक कतर में मौजूद रहेंगे।'
काबुल के लिए साढ़े तीन हजार अमेरिकी सैनिक तैयार
उन्होंने बताया कि कुवैत में भी साढ़े तीन हजार अमेरिकी सैनिकों को तैयार रखा जाएगा। जरूरत पड़ने पर इन्हें काबुल भेजा जा सकता है। यह सब काबुल में अमेरिकी दूतावास के स्टाफ और उन अफगान नागरिकों को निकालने के लिए किया जा रहा है, जिन्होंने 20 वर्ष चले संघर्ष के दौरान अमेरिकी सरकार की मदद की। इधर, ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने बताया कि अफगानिस्तान से ब्रिटिश नागरिकों को निकालने के लिए करीब 600 सैनिक भेजे जाएंगे। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, कनाडा भी काबुल से अपने स्टाफ को निकालने के लिए एक विशेष बल भेजने जा रहा है, जबकि आस्ट्रेलिया भी इसी तरह का कदम उठाने जा रहा है। वह आस्ट्रेलियाई सैनिकों की मदद करने वाले अफगान लोगों को सुरक्षित निकालने में अमेरिका की मदद करेगा। आस्ट्रेलिया ने गत मई में ही काबुल स्थित अपने दूतावास को बंद कर दिया था और जून में अपने सैनिकों को बुला लिया था।
पूर्व रक्षा मंत्री और एनएसए ने की बाइडन की आलोचना
समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार, अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्री बाब गेट्स ने राष्ट्रपति जो बाइडन की विदेश नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि वह हर बड़े मामले में गलत तरफ खड़े हैं। उन्होंने वाल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक लेख मे कहा कि वह अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाकर बड़ी गलती कर रहे हैं। जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) एचआर मैकमास्टर ने भी अफगानिस्तान से निकलने को लेकर बाइडन प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह समय पाकिस्तान पर सख्त कदम उठाने का है।