Move to Jagran APP

महात्मा गांधी के विचारों को मिला वैश्विक मंच, भारत-अमेरिका साथ मिलकर करेंगे अध्ययन पर काम

महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के विचारों को वैश्विक मंच प्रदान करने के लिए भारत और अमेरिका साथ आए हैं। अमेरिका और भारत संयुक्त रुप से अब इसको लेकर साथ काम करेंगे। इसको लेकर अमेरिका की एक प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव पारित किया गया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 02:14 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 02:14 PM (IST)
महात्मा गांधी के विचारों को मिला वैश्विक मंच, भारत-अमेरिका साथ मिलकर करेंगे अध्ययन पर काम
भारत और अमेरिका महात्मा गांधी-मार्टिन लूथर किंग जूनियर के विचारों को साझा। (फोटो: दैनिक जागरण)

वाशिंगटन, प्रेट्र। गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर पर भारत-अमेरिका संयुक्त रूप से अध्ययन करेंगे और इन दोनों महान विभूतियों के सिद्धांतों पर शोध कर पूरी दुनिया को उनकी राह पर चलने के लिए प्रेरित कर सकेंगे। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में गुरुवार को इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर दिया गया। प्रस्ताव को अमेरिकी सांसद जॉन लुईस ने तैयार किया था और उनकी मृत्यु के बाद भारतीय मूल के सांसद डा.एमी बेरा ने आगे बढ़ाया है।

loksabha election banner

गांधी-किंग एक्सचेंज एक्ट के नाम से लाए गए इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद संयुक्त अध्ययन के साथ ही एक ऐसा वैश्विक मंच दोनों देश तैयार कर सकेंगे, जिसे महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग के बताए कार्यो को आगे बढ़ाया जा सकेगा। प्रस्ताव के पारित होने के बाद सांसद और फॉरेन अफेयर कमेटी के चेयरमैन इलियट एंजेल ने कहा कि इस कानून के बन जाने के बाद दोनों देश गांधी-किंग के सिद्धांतों पर जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और सामुदायिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में संयुक्त रूप से काम कर सकेंगे।

गांधी-किंग एक्सजेंट एक्ट के तहत 2025 तक एक मिलियन डालर (करीब 75 लाख रुपये) दिए जाएंगे। 2 मिलियन डालर 2021 में बनाए जाने वाली गांधी-किंग ग्लोबल एकेडमी के लिए और 30 मिलियन डालर भारत-अमेरिका गांधी-किंग डेवलमेंट फाउंडेशन के लिए दिया जाएगा। इस फाउंडेशन पर 2022 से 2025 तक 15 मिलियन डालर प्रतिवर्ष खर्च होगा। पांच वर्षो में इस पर 51 मिलियन डालर (करीब 376 करोड़ रुपये) के बजट का प्रावधान किया गया है।

कानून बनने के बाद भारत और अमेरिका की सरकार दोनों एक ऐसे वैश्विक मंच की स्थापना कर सकेंगे, जिसमें छात्रों को महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के अहिंसा सिद्धांत पर अध्ययन करने की सुविधा मिलेगी। अधिनियम में भारत--अमेरिका गाधीं--किंग फाउंडेशन की स्थापना का भी प्रावधान है। मानवाधिकार, समानता, न्याय और लोकतंत्र के लिए यह कानून महत्वपूर्ण होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.