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अमेरिकी वैज्ञानिकों का खुलासा, असामयिक मृत्यु से बचना है तो खूब चलिए पैदल लेकिन कितना...

अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक अध्‍ययन में पाया है कि ज्यादा समय तक पैदल चलने से असामयिक मृत्यु से जुड़े खतरे कम हो जाते हैं। जानिये पैदल चलना कैसे पहुंचाता है आपको लाभ...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 11:53 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 11:53 PM (IST)
अमेरिकी वैज्ञानिकों का खुलासा, असामयिक मृत्यु से बचना है तो खूब चलिए पैदल लेकिन कितना...
अमेरिकी वैज्ञानिकों का खुलासा, असामयिक मृत्यु से बचना है तो खूब चलिए पैदल लेकिन कितना...

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। यह हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक गतिविधि करना बेहद जरूरी है। ऐसे में फिट रहने के लिए पैदल चलना सबसे आसान तरीकों में से एक है। अब शोधकर्ताओं ने पाया है कि ज्यादा समय तक पैदल चलने से असामयिक मृत्यु से जुड़े खतरे कम हो जाते हैं। जर्नल जामा में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि एक व्यक्ति हर दिन कितने कदम पैदल चलता है, उसका मृत्यु दर से सीधा संबंध होता है।

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कितना चलें पैदल

अध्ययन में यह भी कहा गया है कि कदम बढ़ाने की तीव्रता का मृत्यु दर के साथ कोई संबंध नहीं है। अध्ययन के लेखक अमेरिका में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के पेड्रो सेंट-मौरिस ने कहा कि हम सभी यह जानते हैं कि शारीरिक गतिविधि स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है, लेकिन हम यह नहीं जानते कि असामयिक मृत्यु के जोखिम को कम करने के लिए हमें कितने कदम रोजाना उठाने की जरूरत है या फिर उच्च तीव्रता से कदम उठाने से क्या असर होता है।

बुजुर्गों पर किया अध्‍ययन

पेड्रो सेंट-मौरिस ने कहा कि हम इस सवाल की जांच इसलिए करना चाहते हैं ताकि लोग फिटनेस ट्रैकर्स और फोन एप के जरिये की जाने वाले कदमों की गिनती के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को बेहतर ढंग से समझ सकें। सेंट-मौरिस ने कहा कि अब तक के अध्ययन कदमों की संख्या और मृत्यु से उसके संबंधों को जानने के लिए की गई है। हालांकि, वे मुख्य रूप से बुजुर्गों के या फिर पुरानी बीमारी से पीडि़त लोगों पर किए गए थे।

मृत्यु दर का किया आकलन

मौजूदा अध्ययन में 40 वर्ष और उससे अधिक आयु के 4,800 अमेरिकी वयस्कों को शामिल किया गया। इन लोगों ने 2003 और 2006 के बीच सात दिनों तक एक्सेलेरोमीटर पहना। इसके बाद 2015 के राष्ट्रीय मृत्यु सूचकांक के माध्यम से मृत्यु दर को आंका गया। शोधकर्ताओं ने मृत्यु दर और कदमों की संख्या और इसकी तीव्रता के बीच की गणना के दौरान जनगणना, जोखिम, बॉडी मास इंडेक्स और स्वास्थ्य की स्थिति को भी ध्यान में रखा। निष्कर्ष के तौर पर उन्होंने पाया कि प्रतिदिन 4,000 कदम चलना वयस्कों के लिए पर्याप्त नहीं था।

12,000 कदम बेहद असरदार

प्रति दिन 8,000 कदम चलने से मृत्यु का जोखिम 51 फीसद कम पाया गया। प्रति दिन 12,000 कदम चलने वालों में 4,000 कदम चलने वालों की तुलना में मृत्यु का जोखिम 65 फीसद तक कम पाया गया। इसके विपरीत, शोधकर्ताओं को कदमों की तीव्रता और मृत्यु के जोखिम के बीच कोई संबंध नहीं मिला।

सभी में कम हुआ मृत्यु का जोखिम

शोधकर्ताओं के अनुसार, प्रतिभागियों के उपसमूहों के विश्लेषण में पाया गया कि ज्यादा कदम चलने वाले पुरुषों और महिलाओं, वयस्कों और बच्चों, सभी में मृत्यु का जोखिम कम हुआ। इसके अलावा ज्यादा कदम चलने वालों में हृदय रोगों और कैंसर का खतरा भी कम पाया गया। साथ ही इससे मोटापा कम करने में भी मदद मिली। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे मधुमेह-2 का खतरा भी कम हुआ। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि लोग खुद बेहतर महसूस करने लगे और उन्हें अच्छी नींद भी आई। 


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