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खुद को छिपाने की तरह ही पैसे छिपाने में भी माहिर था बगदादी, रेगिस्तान में दबाए थे 25 मिलियन डालर

अबु बकर अल बगदादी की अब मौत हो चुकी है। उसके बाद तमाम तरह के राज सामने आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि बगदादी ने 25 मिलियन डालर रेगिस्तान में छिपा रखे थे।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 04:52 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 08:40 AM (IST)
खुद को छिपाने की तरह ही पैसे छिपाने में भी माहिर था बगदादी, रेगिस्तान में दबाए थे 25 मिलियन डालर
खुद को छिपाने की तरह ही पैसे छिपाने में भी माहिर था बगदादी, रेगिस्तान में दबाए थे 25 मिलियन डालर

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अबु बकर अल बगदादी जिस तरह से अपने छिपने के ठिकाने बदलता रहता था, उसी तरह से उसने अपने पैसे छिपाने के लिए भी नायाब तरकीब खोज रखी थी। वो अपने पैसे किसी बैंक या लॉकर में नहीं रख रहा था बल्कि उसने उसे अपने छिपने के ठिकाने के पास ही रेगिस्तान में इन्हें दबाकर रख दिया था। बगदादी के एक करीबी ने इस बात का भी खुलासा किया है कि आइएसआइएस के आतंकवादियों ने इराकी रेगिस्तान में लगभग 25 मिलियन डॉलर छिपाकर रखे थे। 

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सबसे करीबी ने बताए राज 

अबु बकर अल-बगदादी के सबसे करीबी विश्वासपात्रों में से एक ने खुलासा किया कि आईएसआईएस के आतंकवादियों ने इराकी रेगिस्तान में 25 मिलियन डॉलर दबाकर रखे थे। इन पैसों के बारे में वैसे तो किसी को जानकारी नहीं थी मगर बाद में इन इलाकों में घूमने वाले चरवाहों को ये पैसे मिले।

बगदादी का रिश्तेदार ही निकला मुखबिर 

ISIS के मुखिया अबु बकर अल बगदादी के खासमखास और एक रिश्तेदार मोहम्मद अली साजेट (Mohammed Ali Sajet) ने इस बारे में जानकारी दी। साजेट एक तरह से बगदादी का रिश्तेदार भी है और उसके पास बगदादी से जुड़े कई राज भी थे। वो साल 2015 में आईएसआईएस का सदस्य बना था। अगस्त माह में इराकी अधिकारियों ने बगदाद के पास से साजेट को गिरफ्तार किया था। ऐसा कहा जाता है कि साजेट से ही इराकी अधिकारियों को बगदादी के ठिकानों के बारे में जानकारी मिली, उसके बाद इसके बारे में सीरिया को जानकारी दी गई, वहां से जानकारी अमेरिकी अधिकारियों को दी गई। अली ने ही आईएसआईएस नेता के लिए काम कर रहे एक कूरियर के बारे में भी जानकारी दी थी। 

रेगिस्तान में दफनाएं सोना, चांदी और डॉलर 

इन दिनों साजेट इराक में नजरबंद है। एक टीवी इंटरव्यू में साजेट ने खुद ही स्वीकार किया कि आइएसआइएस ने अल-अनबर रेगिस्तान में 25 मिलियन डॉलर छिपा रखे थे। इसे आइएसआइएस पहले अपना नुकसान मान रहा था जिसे बाद में चरवाहों की मदद से खोजा गया। हालांकि रेगिस्तान से बरामद की गई ये रकम बाद में चरवाहों के पास ही रही या उसे आइएसआइएस ने अपने दूसरे ठिकाने पर छिपा दिया इसका पता नहीं चल पाया, साजेट को इसके बारे में सिर्फ इतना ही पता था।

बगदादी के ठिकाने पर था धार्मिक ग्रंथों का ढेर 

साजेट ने बताया कि जिस जगह पर बगदादी छिपा था वो 5 से 6 मीटर की चौड़ाई के साथ 8 मीटर लंबी भूमिगत सुरंग थी। वहां पर एक पुस्तकालय, धार्मिक पुस्तकें, कुरान और कई और तरह की धार्मिक पुस्तकें भी रखी हुई थीं। वो इन धार्मिक पुस्तकों को पढ़ता रहता था। इसी सुरंग में रोशनी और अन्य विभिन्न चीजें मौजूद थीं जिसके कारण इसे बगदादी के लिए छिपने की बेहतर जगह माना जाता था। 

आसपास लगे तंबूओं में तैनात रहते थे बगदादी के सुरक्षाकर्मी 

साजेट ने बताया कि सीरिया में जिस जगह पर बगदादी ने अपने छिपने का ठिकाना बना रखा था, उसी के पास उसके खास लोग तंबू लगाकर उसकी सुरक्षा में तैनात रहते थे। इराकी अधिकारी ने बताया कि सगीर को जब हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने कूरियर के रूप में काम करने वाले और उसकी पत्नी के बारे में सूचना दी थी, उसी के बाद कूरियर पर नजर रखना शुरू किया गया। बाद में कूरियर को एक छापे के बाद मार दिया गया था। मगर उसकी पत्नी को एक अलग स्थान पर रखा गया, पत्नी के माध्यम से ही टीम बगदादी तक पहुंचने में कामयाब हुई। इसी के बाद इराकी अधिकारियों ने अमेरिकी सेना को इसकी सूचना दे दी, अमेरिका ने प्लानिंग करके अपनी स्पेशल फोर्स भेजकर बगदादी को मार दिया।

ठिकाना बदलने की कर रहा था तैयारी, नहीं मिल पाया अंतिम मौका 

बगदादी के खासमखास साजेट ने सेना को बताया कि वो बहुत अधिक दिनों तक किसी एक ठिकाने पर नहीं रहता था। जल्द से जल्द उसे बदल देता था। इसके अलावा एक खासियत और थी कि वो ऐसी जगह पर नहीं छिपता था जिसके बारे में सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी हो सके। यदि किसी ठिकाने पर किसी भी तरह का खतरा महसूस होता था तो वो वहां से पहले ही निकल लेता था। जिस सुरंग में सेना से घिर जाने के बाद बगदादी ने खुद को बम से उड़ा लिया वो उस ठिकाने को भी इस सप्ताह में बदल देने वाला था। इसके लिए उसके खास लोगों से मीटिंग भी हो चुकी थी। वो इस इलाके से दूर जाने की तैयारी कर रहा था मगर शनिवार को ही सेना ने उसे घेर लिया जिसके कारण उसने खुद को बम से उड़ा लिया। 

कोई जिंदा नहीं पकड़ पाएगा 

एक बात ये भी कही जा रही है कि बगदादी अपने खास समर्थकों से कहता था कि उसे कभी कोई जिंदा नहीं पकड़ पाएगा। जिंदा पकड़े जाने से बचने के लिए ही वो अपने शरीर में विस्फोटक बांधकर रखता था। यदि कहीं किसी तरह का खतरा दिखता था तो वो उस विस्फोटक से अपने को उड़ा देता। अमेरिकी सेना ने जब उसकी सुरंग पर हमला किया तो पहले तो उसने अपने को बचाने के लिए सुरंग के अंदर ही दौड़ लगाई मगर जब कुत्ते ने पीछा नहीं छोड़ा तो उसने शरीर में बंधे विस्फोटक से खुद को उड़ा दिया।  

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